बिहार चुनाव में बिना सीट शेयरिंग के ही महागठबंधन के सहयोगी दल भाकपा (माले) यानी CPI ML ने 14 अक्टूबर को अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी. इसी लिस्ट में सिवान की दरौली सीट से सत्यदेव राम का भी नाम है और आज वे नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे. लेकिन नामांकन दाखिल करते ही उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अचानक से हुई कार्यवाही की वजह से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई और सत्यदेव राम ने इसे मौजूदा एनडीए सरकार का षड्यंत्र बताया. आइए विस्तार से जानते है पूरी कहानी.
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20 साल पुराने मामले में हुई गिरफ्तारी
भाकपा माले विधायक सत्यदेव राम ने पहले तो खुशी मन से पर्चा भरा, लेकिन अगले ही पल पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मिली जानकारी के अनुसार सत्यदेव राम को पुलिस ने सोनपुर रेलवे कोर्ट की ओर से जारी वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया है. यह मामला 20 साल पुराना है. भाकपा माले के उम्मीदवार सत्यदेव राम के ऊपर ट्रेन रोकने का मामला है जो कि साल 2005 में हुआ था. इस मामले में तब शुरुआती रिपोर्ट दर्ज की थी और अब जाकर सत्यदेव राम की गिरफ्तारी हुई है.
एनडीए सरकार पर लगाया षड्यंत्र का आरोप
गिरफ्तारी के बाद बिहार तक से बातचीत में सत्यदेव राम ने कहा कि,
"मेरे साथ यह अन्याय होते रहता है षड्यंत्र होते रहता है और मुझे इसी तरह से रोकने की कोशिश होती है. लेकिन हम रुकते नहीं है. जनता हमेशा से हमको विजय बनाती है. ये लोग रोके जितना रोकना है, ये एनडीए वाले हमेशा जो है षड्यंत्र करते रहते हैं."
फिलहाल गिरफ्तार किए गए सत्यदेव राम को नगर थाने में रखा गया है.
कौन है सत्यदेव राम?
सत्यदेव राम सीपीआई एमएल के एक मजबूत नेता माने जाते हैं और इस तरीके से उनपर की गई कारवाई को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज है. गौरतलब है कि दरौली विधानसभा क्षेत्र से सत्यदेव राम दो बार विधायक रह चुके हैं और यह सुरक्षित सीटों में से एक माना जाता है. हालांकि इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार जनक चमार का नाम भी सामने आ रहा है. अगर ऐसा होता है तो दोनों के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है.
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