डिजिटल क्रांति से बदल रहा बिहार का कृषि परिदृश्य: किसान हो रहे सशक्त, बढ़ रही उत्पादकता

बिहार में डिजिटल तकनीकों के उपयोग से कृषि में अभूतपूर्व बदलाव आ रहे हैं. सरकार कृषि रेडियो, बिहार कृषि ऐप और किसान कॉल सेंटर के माध्यम से किसानों को जागरूक कर रही है, साथ ही डिजिटल क्रॉप सर्वे से सटीक कृषि डेटा उपलब्ध हो रहा है, जिससे उत्पादकता बढ़ रही है.

NewsTak

न्यूज तक

• 07:30 PM • 19 Jul 2025

follow google news

बिहार में बीते 20 वर्षों में कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास देखने को मिला है, और इस प्रगति के पीछे डिजिटल तकनीक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. बिहार सरकार किसानों को आधुनिक तकनीक से लैस कर राज्य में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है, जिससे किसान सशक्त हो रहे हैं और राज्य में कृषि क्रांति का सूत्रपात हो रहा है.

Read more!

सरकार किसानों तक अपनी योजनाओं, आधुनिक खेती के तरीकों, मौसम की जानकारी और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए डिजिटल माध्यमों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर रही है. यह किसानों के लिए एक गेम चेंजर साबित हो रहा है, जिससे उन्हें समय पर और सटीक जानकारी मिल पा रही है.

डिजिटल माध्यमों से किसानों को मिल रहा सहयोग

कृषि को डिजिटल दुनिया से जोड़ने के लिए बिहार सरकार ने कई पहल की हैं. इनमें कृषि रेडियो, बिहार कृषि ऐप और किसान कॉल सेंटर प्रमुख हैं.

कृषि रेडियो: इस माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी महत्वपूर्ण सलाह और सरकारी योजनाओं की नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.

बिहार कृषि ऐप: यह ऐप किसानों के लिए एक डिजिटल साथी की तरह काम कर रहा है. इस पर किसानों को सभी सरकारी योजनाओं, फसल प्रबंधन, बाजार मूल्य और तकनीकी सलाह जैसी सभी आवश्यक सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल रही हैं. किसान इस ऐप के माध्यम से विभिन्न कृषि योजनाओं में आवेदन कर सकते हैं और उनकी स्थिति, अनुदान विवरण और स्वीकृति की वास्तविक समय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

किसान कॉल सेंटर: कृषि से संबंधित किसी भी जानकारी या समस्या के समाधान के लिए किसानों को यह कॉल सेंटर चौबीसों घंटे सहायता प्रदान करता है. इसके माध्यम से किसानों की विभिन्न समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है.

डिजिटल क्रॉप सर्वे से सटीक डेटा उपलब्ध

बिहार में डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरुआत हो चुकी है, जो राज्य के कृषि क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम है. इससे यह आसानी से पता चल रहा है कि राज्य के किस जिले में फसल की कितने क्षेत्र में खेती की गई है.

इसी कड़ी में कृषि विभाग खरीफ 2025-26 में राज्य के करीब 2 करोड़ 18 लाख से अधिक प्लॉट का डिजिटल क्रॉप सर्वे करने जा रहा है. इस महत्वाकांक्षी पहल के पूरा होने के बाद, बिहार के सभी 38 जिलों के 32707 से अधिक गांवों में उगाई गई फसलों का डेटा डिजिटली उपलब्ध हो जाएगा। यह सटीक डेटा कृषि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और कृषि नीतियों के निर्माण में अत्यधिक सहायक होगा.

डिजिटल तकनीक के इस समावेश से बिहार के किसान अब अधिक सूचित, सशक्त और आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जिससे राज्य में कृषि क्षेत्र एक नए युग में प्रवेश कर रहा है.

    follow google newsfollow whatsapp