बिहार चुनाव से पहले खान सर का बड़ा बयान, कहा- नीतीश कुमार का काम दिखता है, पहले जंगलराज....

खान सर के अनुसार नीतीश कुमार के शासन में बिहार में सड़क, पुल, बिजली और कानून-व्यवस्था जैसे क्षेत्रों में स्पष्ट सुधार हुए हैं, जो पहले के "जंगल राज" की तुलना में बेहतर हैं. हालांकि, वे यह भी मानते हैं कि राज्य अभी भी भ्रष्टाचार, अकुशलता और मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है.

खान सर ने भोजपुरी गानों की अश्लीलता पर उठाए सवाल, बिहारियों को चेताया
खान सर ने भोजपुरी गानों की अश्लीलता पर उठाए सवाल

न्यूज तक

• 12:52 PM • 19 Jul 2025

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बिहार के फमस शिक्षक खान सर ने हाल ही में बिहार तक को दिए एक इंटरव्यू में नीतीश कुमार के शासनकाल की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में बिहार में हुए काम "दिखते हैं".

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उन्होंने खास तौर पर सड़क, पुल, कानून-व्यवस्था और बिजली जैसे क्षेत्रों में हुए सुधारों का जिक्र किया. हालांकि, इसी इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बिहार की वर्तमान स्थिति को लेकर चिंताएं भी व्यक्त कीं और बताया कि राज्य को अभी भी कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

खान सर ने स्वीकार किया कि नीतीश कुमार के शासन से पहले बिहार के हालात बेहद बहुत खराब थें. सड़कें नहीं थीं, पुल नहीं थे, कानून-व्यवस्था लचर थी और बिजली का घोर अभाव था. 

खान सर कहते हैं, "नीतीश कुमार के साथ कहां ढक जाता है? कमवा दिख जाता है भैया. सड़क नहीं थी, पुल नहीं था, लॉ एंड ऑर्डर नहीं थी, बिजली नहीं था. वो दिख जाता है."

खासबात ये है कि बिहार के जाने मानें शिक्षक और यूट्यूबर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब नीतीश कुमार अक्सर अपने भाषणों में 'जंगल राज' के दिनों की याद दिलाते हुए अपने शासनकाल में हुए विकास कार्यों पर जोर देते हैं. 

बिहार की "बर्बादी" और वर्तमान चुनौतियां

खान सर ने बिहार के गौरवशाली अतीत को स्वीकार किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि राज्य की "बर्बादी" आज से नहीं, बल्कि लगभग 1500 साल पहले मगध साम्राज्य के पतन के साथ शुरू हुई थी. उन्होंने बताया कि जब तक कृषि प्रधान समाज था, तब तक चीजें ठीक थीं, लेकिन उसके बाद से स्थिति बिगड़ती गई. 

उन्होंने बिहार की वर्तमान समस्याओं पर भी जोर डाला, जिनमें अत्यधिक जनसंख्या घनत्व और कौशल की कमी सबसे प्रमुख है. उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में लोग "कमाने नहीं, बल्कि जिंदा रहने" के लिए काम कर रहे हैं, उन्होंने मजदूरों की दयनीय स्थिति का जिक्र किया जो किसी भी तरह का काम करने को तैयार रहते हैं, क्योंकि उनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते. 

बिजली, सड़क और कानून-व्यवस्था

खान सर ने बिहार की स्थिति को सुधारने के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया. बिजली, सड़क और कानून-व्यवस्था.

बिजली: उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारत के पास कोयले से बिजली बनाने की तकनीक और कोयला दोनों हैं, तो बिजली कटौती क्यों होती है. उन्होंने इसे "बेशर्मी की बात" करार दिया और कहा कि यह या तो अयोग्य अधिकारियों या नई बिजली परियोजनाएं स्थापित करने में अक्षमता का परिणाम है. बिजली की कमी और महंगी बिजली उद्योगों को बिहार में आने से रोकती है. उन्होंने कहा कि "24 घंटे में 1 मिनट भी लाइट नहीं कटनी चाहिए. "

सड़कें: खान सर ने अगर कोई राज्य एक घंटे में 100 किलोमीटर की दूरी सड़क से तय नहीं कर सकता, तो वह कभी विकसित नहीं होगा. बिहार में आज भी 100 किलोमीटर की यात्रा में 4 घंटे लगते हैं, जो उद्योगपतियों के लिए एक बड़ा अवरोध है. उन्होंने नोएडा जैसे शहरों का उदाहरण दिया जहां एक्सप्रेसवे और बेहतर सड़क नेटवर्क उद्योगों को आकर्षित करते हैं. उनका कहना है कि "1 घंटे में 100 कि.मी. चलिए."

कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार: उन्होंने बिहार की पुलिस व्यवस्था को "लचर" बताया और इसका कारण फर्जी और रिश्वतखोरी से होने वाली नियुक्तियों को बताया. उनका मानना है कि ऐसे लोग जो अपनी काबिलियत पर नौकरी नहीं पाते, उनमें काम करने का "टशन" नहीं होता. उन्होंने यह भी कहा कि इन फर्जी नियुक्तियों के कारण दहेज प्रथा भी बढ़ गई है, क्योंकि लोग नौकरी पाने के लिए खर्च किए गए पैसे की भरपाई दहेज से करते हैं. यह भ्रष्टाचार का एक जाल बन चुका है जो उद्योगों को राज्य में आने से रोकता है, क्योंकि अधिकारियों को पहले कमीशन चाहिए होता है.

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