चुनाव से ठीक पहले बढ़ी बृजमोहन अग्रवाल की मुसीबत, भ्रष्टाचार का लगा गंभीर आरोप

महासमुंद कोर्ट ने 23 अप्रैल को अपने फ़ैसले में बृजमोहन अग्रवाल के परिवार से जुड़ी जमीनों की रजिस्ट्री शून्य घोषित कर दी है.इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि इससे साफ़ है कि बृजमोहन अग्रवाल ने ग्राम झलकी में जलाशय की जमीन को गलत तरीके से खरीदकर कब्जा किया था.ऐसे में उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई होनी चाहिए.

brijmohan agarwal
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Brjmohan Agarwal News:  कांग्रेस ने रायपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी और वर्तमान में प्रदेश के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया है कि बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी ने झलकी में जल संसाधन विभाग की जमीन गलत तरीके से कब्जा कर रिसॉर्ट बनाया है.हाल ही में एक स्थानीय अदालत ने बिक्री पत्र को रद्द कर दिया था. कोर्ट के इस आदेश के बाद अब कांग्रेस ने आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है.

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इस पूरे मामले में बृजमोहन अग्रवाल ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.अदालत के आदेश का हवाला देते हुए दीपक बैज ने दावा किया कि अग्रवाल ने कथित तौर पर राज्य जल संसाधन विभाग से संबंधित संपत्ति को अपनी पत्नी के नाम पर धोखाधड़ी से हासिल किया और वहां एक रिसॉर्ट बनाया.बता दें, यह जमीन सिरपुर के पास तुमगांव तहसील के अंतर्गत जलकी गांव में स्थित है.

जलाशय के लिए नहीं हुआ जमीन का उपयोग

महासमुंद जिले में प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र जज ने 23 अप्रैल के अपने आदेश में संबंधित भूमि के विक्रय पत्र को रद्द कर दिया था. आदेश के अनुसार, छह ग्रामीणों ने 1994 में जलकी गांव में अपनी 4.124 हेक्टेयर भूमि जल संसाधन विभाग को एक जलाशय के निर्माण के लिए तत्कालीन मध्य प्रदेश में ‘‘दानपत्र’’ (सार्वजनिक उपयोग के लिए दान) के माध्यम से दान कर दी थी. भूमि का उपयोग कभी भी इस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया था.

जल संसाधन विभाग ने दी थी चुनौती 

अदालत ने कहा कि भूमि जल संसाधन विभाग द्वारा अधिग्रहित की गई थी, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में इसका कब्जा नहीं बदला गया और इसका स्वामित्व दानदाताओं के नाम पर ही रहा. बाद में 2009 में मूल मालिक विष्णु साहू और दो अन्य ने यह जमीन बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी सरिता अग्रवाल को बेच दी. बाद में जल संसाधन विभाग ने 2009 की खरीद को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया था.

2017 में कांग्रेस ने की थी जांच की मांग

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने दावा किया कि बृजमोहन अग्रवाल तब मंत्री थे और उन्हें पूरी जानकारी थी कि उनके निर्माणाधीन रिसॉर्ट के आसपास की जमीन जल संसाधन विभाग को दान में दी गई थी. कांग्रेस नेता ने जमीन खरीदने और बेचने वाले के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज करने की मांग की है.बता दें, 2017 में जमीन का सौदा सामने आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. तब बृजमोहन अग्रवाल ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था.

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