मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस ने ट्रांसजेंडर बनकर रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम अब्दुल कलाम है लेकिन वह ‘नेहा' बनकर पिछले आठ सालों से रह रहा था. अब्दुल कलाम ने भारत में रहते हुए नेहा नाम से आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट और कई अन्य दस्तावेज भी बनवा लिए हैं. अब उसकी सच्चाई सामने आ गई है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.
ADVERTISEMENT
फर्जी पहचान-दस्तावेज बनाए
- अब्दुल कलाम ने आधार कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे जरूरी कागजात फर्जी तरीके से बनवाए और लंबे समय तक खुद को भारतीय नागरिक के तौर पर पेश करता रहा.
- पुलिस ने जांच में पाया कि वह इन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर कई बार बांग्लादेश भी गया और वापस भारत आया.
कैसे हुआ खुलासा?
- भोपाल पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों को इस बारे में एक गुप्त सूचना मिली थी. जिसके आधार पर अब्दुल को गिरफ्तार किया.
- गिरफ्तार करने के बाद, उसके पास से कई जाली दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं.
- मामले की गंभीरता को देखते हुए इंटेलिजेंस ब्यूरो और एंटी-टेररिज्म स्क्वाड भी जांच में जुड़ गई है.
- उसकी मोबाइल कॉल डिटेल्स, मैसेज और डिजिटल कनेक्शन की भी फॉरेंसिक जांच हो रही है.
भारत में कहां-कहां रहा?
- अब्दुल कलाम 10 साल की उम्र में बांग्लादेश से भारत आया गया था. इस दौरान वह देश के कई राज्यों में रहा.
- जानकारी के अनुसार, अब्दुल करीब 20 साल मुंबई में रहा, फिर वहां से भोपाल आ गया.
- भोपाल के बुधवारा इलाके में अलग-अलग घरों में रहता था.
- यहां हर कोई उसे "नेहा किन्नर" के नाम से जानता था.
असली पहचान छुपाने की वजह?
- पुलिस का मानना है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए अब्दुल ने ट्रांसजेंडर महिला का रूप अपनाया.
- अब अब्दुल की जेंडर वेरिफिकेशन की पहचान की जांच की जा रही है कि वह वास्तव में ट्रांसजेंडर है या सिर्फ पहचान छुपाने के लिए ऐसा किया.
पुलिस क्या कार्रवाई कर रही है?
- फिलहाल अब्दुल को 30 दिन की डिटेंशन में रखा गया है और डिपोर्टेशन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
- पुलिस उसकी मदद करने वाले नेटवर्क की भी जांच कर रही है. उसके संपर्क में आने वाले अन्य लोगों से भी पूछताछ जारी है.
- मामले की संवेदनशीलता देखते हुए सिर्फ स्टेशन प्रभारी और दो महिला अफसर ही उससे पूछताछ कर रहे हैं.
ADVERTISEMENT