Badwani News: दुनिया में लोग जब अपने आसपास कुछ भी अनोखा या विचित्र देखते हैं तो उसे इस तरह अपनाते हैं कि अनोखी चीज जल्द ही अंधविश्वास में बदल जाती है. फिर उस चीज का अनोखापन खत्म होकर अंधविश्वास रह जाता है और उसे अलग नजरिए से देखा जाता है. ऐसा ही एक युवक बड़वानी में है जिसको लोग वीर हनुमान का रूप मानते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि युवक के शरीर पर लंबे बालों जैसी ही पूंछ निकली हुई है. लोग इसे धर्म से जोड़कर तो वहीं डॉक्टर इसे बीमारी बताते हैं.
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दरअसल बड़वानी जिले के सेंधवा ब्लॉक के लकड़ियां उमरिया में 14 वर्षीय सुरेश पिता भायला अपनी एक अलग पहचान के लिए क्षेत्र में जाना जाता है. सुरेश की पीठ पर बालों का गुच्छा है. जिसे लोग और उसके परिजन पूंछ मानते हैं. पीठ पर पूछ के चलते कई लोग सुरेश का मजाक उड़ाते हैं तो कई लोग उसे हनुमान का रूप मानते हैं.
सुरेश की इसी पूंछ के चलते उससे मिलने वालों का तांता लगा रहता है. लोग यह भी कहते हैं कि लड़का पूरी तरह नॉर्मल और ज्यादा लोगों को उसके बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन जिसे भी जानकारी है वह से मिलने जरूर आता है.
पूंछ के कारण लोग उड़ाते हैं मजाक
जब हमने सुरेश से बातचीत की तो उसने बताया कि पूंछ के कारण लोग मिलने तो आते हैं. इस पूंछ को काटता हूं तो मैं बीमार हो जाता हूं, एक बार काटी थी तो अस्पताल में भर्ती हो गया था. तब से आज तक काटने की कोशिश नहीं की है. आज इस पूंछ की लंबाई 2 मीटर हो चुकी है. इस पूंछ के चलते सुरेश को बैठने और सोने में तकलीफ होती है. डॉक्टर को कभी नहीं दिखाया लोग देखने आते हैं और मजाक उड़ाते हैं. मैं चाहता हूं जड़ से खत्म हो जाए.
गांव वाले मानते हैं भगवान का रूप
गांव के ही रहने वाले गुड्डा आर्य ने बताया कि हमारे गांव में एक बालक है जिसकी पूंछ है लोग कहते हैं कि वह हनुमान जी का स्वरूप है. हमें भी लगता है कि भगवान इस रूप में आए हैं. लड़का अच्छा है बिल्कुल स्वस्थ है छोटा है 14 साल का लड़का खाने पीने में शाकाहारी है. शराब भी नहीं पीता है.
डाॅक्टर मानते इसकाे बीमारी
जब इस अनोखे बच्चे और उसकी पूंछ के बारे में हमने डॉक्टर्स से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर किसी भी इंसान को ऐसा होता है. तो ये भगवान का स्वरूप नहीं ये एक प्रकार की बीमारी होती है. इसको एस्पिना बायबिना अकोल्ट जो तंत्रिका तंत्र से संबंधित रहता है. यह एक प्रकार का अनुवांशिक रोग हाेता है. गर्भ के दौरान छोटे-छोटे तत्वों को नहीं ले पाती है. पूर्ण रूप से ग्रहण नहीं कर पाती है. जिस कारण इस प्रकार की समस्या होती है.
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