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Air India Plane Crash: पिछले महीने 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुई एयर इंडिया की उड़ान एआई-171 की दुर्घटना की जांच में नए और महत्वपूर्ण सुराग सामने आए हैं. बोइंग ड्रीमलाइनर के मलबे की गहन जांच में पता चला है कि विमान के पिछले हिस्से में बिजली की आग लगने के संकेत मिले हैं. यह आग उड़ान के दौरान या टक्कर के बाद लगी हो सकती है, जिसके कारणों की जांच चल रही है.
मलबे में मिले महत्वपूर्ण सबूत
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने विमान के टेल हिस्से (एम्पेनेज) में कुछ पुर्जों को बरामद किया है, जो बिजली की खराबी की जांच के लिए अहम हो सकते हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "विमान के पिछले हिस्से में बिजली की आग के निशान मिले हैं, लेकिन यह आग केवल कुछ हिस्सों तक सीमित थी." टेल हिस्सा दुर्घटना के बाद हुए विस्फोट और ईंधन की आग से कम प्रभावित रहा, जिसके कारण बाकी विमान जलकर राख हो गया. बरामद पुर्जों को अहमदाबाद में सुरक्षित रखा गया है और इनकी गहन जांच की जा रही है.
ब्लैक बॉक्स से मिली जानकारी
दुर्घटना के बाद विमान के दो ब्लैक बॉक्स बरामद किए गए. इनमें से पीछे वाला ब्लैक बॉक्स (ईएएफआर) बुरी तरह क्षतिग्रस्त था. जिसे जांच टीम ने 13 जून को बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास मेस की छत से प्राप्त किया था. विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, इसकी मेमोरी इतनी क्षतिग्रस्त थी कि डेटा निकालना संभव नहीं हो सका.
वहीं, सामने वाला ब्लैक बॉक्स, जो 16 जून को मलबे से बरामद किया गया वह जला हुआ और कालिख से ढका मिला. लेकिन इससे महत्वपूर्ण डेटा प्राप्त किया गया है. इस ब्लैक बॉक्स में 49 घंटे का उड़ान डेटा और छह उड़ानों की जानकारी थी, जिसमें दुर्घटनाग्रस्त उड़ान भी शामिल है. इसके अलावा, दो घंटे का ऑडियो भी बरामद हुआ, जिसमें दुर्घटना के पल की रिकॉर्डिंग शामिल है.
बिजली की खराबी पर गहरा संदेह
जांच में विमान के पिछले हिस्से में लगी आग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. विशेषज्ञ यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह आग उड़ान के दौरान किसी तकनीकी खराबी के कारण लगी थी या टक्कर के बाद हुई. विमान के ऑक्सिलरी पावर यूनिट (एपीयू), ट्रांसड्यूसर, और रडर की भी जांच हो रही है. एपीयू को सही हालत में बरामद किया गया है, जो बिजली की खराबी की जांच में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली से अहमदाबाद की पिछली उड़ान (एआई-423) के चालक दल ने स्टेबलाइजर पोजिशन ट्रांसड्यूसर (एसटीएबी पीओएस एक्सडीसीआर) में खराबी की शिकायत दर्ज की थी. अहमदाबाद में मेंटेनेंस इंजीनियरों ने इस समस्या को ठीक करने का दावा किया था, लेकिन जांचकर्ता अब इसकी गहराई से पड़ताल कर रहे हैं.
एकमात्र जीवित व्यक्ति की गवाही
दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति, विश्वाश कुमार रमेश ने बताया कि उड़ान के दौरान केबिन की लाइटें टिमटिमा रही थीं. यह बिजली की खराबी का संकेत हो सकता है, जिसमें सिस्टम बार-बार मुख्य और बैकअप बिजली के बीच स्विच कर रहा था. जांचकर्ता इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या इंजन नियंत्रण इकाई (ईसीयू) को गलत डेटा मिलने के कारण ईंधन की आपूर्ति बंद हुई, जिससे विमान के इंजन अचानक बंद हो गए.
फ्लाइट अटेंडेंट की मौत का रहस्य
विमान के पिछले हिस्से में बैठी एक फ्लाइट अटेंडेंट की मौत भी जांच का हिस्सा है. उनका शव 72 घंटे बाद मलबे से बरामद हुआ. गुजरात सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि उनकी मौत संभवत टक्कर से लगी चोटों के कारण हुई. उनके शरीर पर जलने के कुछ निशान थे, जो बिजली की आग से हो सकते हैं, लेकिन उनकी पहचान उनकी वर्दी की साड़ी के टुकड़ों से हुई.
आगे की जांच
जांचकर्ता अब तकनीकी खामियों, खासकर फुल अथॉरिटी डिजिटल इंजन कंट्रोल (एफएडीईसी) सिस्टम की जांच कर रहे हैं. यह सिस्टम विमान के इंजनों को नियंत्रित करता है और किसी भी खराबी के कारण ईंधन कट-ऑफ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. इसके अलावा, 2013 में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के एपीयू में खराबी के इतिहास को भी ध्यान में रखा जा रहा है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एएआईबी इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि दुर्घटना के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके
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