आरबीआई आजकल उन लोगों के लिए मेहरबान हुआ है जिन्होंने बैंकों से कर्ज लिया हुआ है. इकोनॉमी में फास्ट पेस बनाए रखने के लिए ताबड़तोड़ रेट किए हैं. इस साल तीसरी बार रेट कट हुआ है. 6 जून को रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके 5.5 परसेंट कर दिया. इस साल तीन बार के रेपो रेट से कुल 1 परसेंट इंटरेस्ट रेट कट हो चुका है. आरबीआई सीधे किसी को लोन नहीं देता. किसी को सीधे रेट कट का फायदा नहीं देता. आरबीआई की डीलिंग होती है बैंकों से. बैंक डील करते हैं लोन लेने वालों से. आरबीआई के रेट कट का फायदा बैंकों को देता है. बैंकों लोन पॉलिसी के हिसाब से रेट कट मतलब इंटरेस्ट रेट में कट का फायदा लोन लेने वालों को पास करता है.
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