नामांकन के दौरान दिखा गजब नजारा! बीजेपी प्रत्याशी ने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कैलाश मेघवाल के छुए पैर

BJP candidat touched the feet of Kailash Meghwal: राजस्थान विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) के लिए नामांकन के अंतिम दिन शाहपुरा में गजब का नजारा देखने को मिला. जब रिटर्निंग अधिकारी के ऑफिस में बीजेपी प्रत्याशी लालाराम बैरवा ने पार्टी से निष्कासित और पूर्व विधायक कैलाश मेघवाल (Kailash Meghwal) के पैर छू लिए. यही नहीं, […]

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प्रमोद तिवारी

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BJP candidat touched the feet of Kailash Meghwal: राजस्थान विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) के लिए नामांकन के अंतिम दिन शाहपुरा में गजब का नजारा देखने को मिला. जब रिटर्निंग अधिकारी के ऑफिस में बीजेपी प्रत्याशी लालाराम बैरवा ने पार्टी से निष्कासित और पूर्व विधायक कैलाश मेघवाल (Kailash Meghwal) के पैर छू लिए. यही नहीं, इससे पहले बीजेपी सांसद सुभाष बहेड़िया और जिला अध्यक्ष प्रशांत मेवाडा ने भी पैर छूकर आशीर्वाद लिया.

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बता दें कि कैलाश मेघवाल शाहपुरा सुरक्षित क्षेत्र से साल 1993, 2013 और 2018 में विधायक रह चुके हैं. लेकिन केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर आरोप लगाने के चलते इन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. जिसके बाद मेघवाल निर्दलीय तौर पर मैदान में हैं. वहीं, बीजेपी ने इस बार यहां से नये चेहरे लाला राम पर दाव आजमाया है.

कानून मंत्री पर लगाए थे ये आरोप

उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. कैलाश मेघवाल ने कहा था “अर्जुन मेघवाल ने कलेक्टर रहते हुए कई घोटालों में करोड़ों रुपये की रिश्वत खाई. इसके अलावा वह पैसे लेकर टिकट दिलवाने जैसे कुकृत्यों में भी शामिल रहे हैं. ऐसे भ्रष्ट व्यक्ति को देश का कानून मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए. एक भ्रष्ट व्यक्ति देश का कानून मंत्री कैसे हो सकता है.” जिसके बाद पार्टी ने कैलाश मेघवाल को नोटिस थमाकर उनकी बयानबाजी को लेकर जवाब मांगा था.

सतीश पूनिया पर लगाया था गुटबाजी का आरोप

नोटिस मिलने के बाद भी कैलाश मेघवाल ने आरोपों झड़ी लगा दी. उन्होंने कहा था कि 4 साल तक वसुंधरा राजे ने जिस तरह का अपमान बर्दाश्त किया. वो महिला हैं, इसलिए अपमान बर्दाश्त कर रही हैं. थोड़ासा भी सम्मान होता तो उन्हें उसी समय त्याग पत्र देना चाहिए था. झुंझुनूं में प्रदेश कार्य समिति की बैठक में मैं आमंत्रित था. वसुंधरा राजे भी उपाध्यक्ष होने के नाते आईं. मंच से बोला गया कि राजे की पुत्रवधु बीमार है. बड़ी परेशानी से आईं हैं और ये जल्दी चली जाएंगी. वो जल्दी चली गईं, उन्हें दो मिनट भी नहीं बोलने दिया गया. ये सब सतीश पूनियां एंड गुट कर रहा है. यहां गुटबाजी शुरू से है.

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