तेजस्वी यादव को घेरने वाले प्रशांत किशोर के 3 उम्मीदवार निकल गए दागी, अब क्या देंगे जवाब PK?

हर्षिता सिंह

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Bihar Politics: प्रशांत किशोर, बिहार की राजनीति में कदम रखते ही विपक्ष और सत्ता दोनों पर हमला बोलते नजर आए थे. अब वे खुद विवादों से घिरे नजर आ रहे हैं. अपनी पदयात्रा के दौरान अपराध, भ्रष्टाचार, और शिक्षा जैसे मुद्दों पर उन्होंने बड़े नेताओं को आड़े हाथों लिया. खासकर, उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा. लेकिन अब चुनाव में उनके द्वारा चुने गए उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामलों के चलते उनकी साफ-सुथरी राजनीति के दावे सवालों के घेरे में आ गए हैं.

रामगढ़ उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह पर आपराधिक केस

प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के रामगढ़ से उम्मीदवार, सुशील कुमार सिंह कुशवाहा पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 34, 307, 323, 341 और 504 के तहत मामले दर्ज हैं, जो गंभीर अपराधों को दर्शाते हैं. इसके अलावा, सेक्शन 138 और NI एक्ट में भी उन पर केस दर्ज हैं.

बेलागंज से उम्मीदवार मोहम्मद अमजद पर भी गंभीर आरोप

बेलागंज के उम्मीदवार मोहम्मद अमजद पर सबसे अधिक पांच गंभीर मामले दर्ज हैं. इन मामलों में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ना, दंगे करना, मारपीट और हमला जैसे संगीन आरोप शामिल हैं. पहले बेलागंज सीट से खिलाफत हुसैन को उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन मोहम्मद अमजद के समर्थकों के विरोध के बाद प्रशांत किशोर को अपना उम्मीदवार बदलना पड़ा.

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इमामगंज के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान पर अपहरण और धोखाधड़ी के मामले

इमामगंज सीट से जन सुराज के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान पर भी अपहरण, मारपीट और धोखाधड़ी जैसे अपराधों के मामले दर्ज हैं. इन गंभीर आरोपों ने प्रशांत किशोर की साफ-सुथरी राजनीति के दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

पीके की गलती का फायदा उठा सकते हैं तेजस्वी यादव

प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में नई दिशा देने और सुचिता लाने का वादा किया था, लेकिन अब खुद उन्हीं पर आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने का आरोप लग रहा है. इस गलती का फायदा उठाकर तेजस्वी यादव और राजद को प्रशांत किशोर पर हमला करने का एक बड़ा मौका मिल सकता है.

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