बिहार में टूरिज्म को मिलेगा बूस्ट, 15 अगस्त से दौड़ेंगे 2 नए रोप-वे, जानिए पूरी योजना

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बिहार सरकार ने पर्यटन नीति-2023 में व्यापक बदलाव करते हुए पर्यटन क्षेत्र में निवेश को सरल और आकर्षक बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं. अब छोटे और मध्यम निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए न्यूनतम निवेश सीमा घटाई गई है.

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फोटो क्रेडिट- @TourismBiharGov
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बिहार सरकार ने राज्य में पर्यटन को उद्योग की तर्ज पर विकसित करने के लिए एक नई कवायद की है. इसको लेकर पर्यटन नीति-2023 में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. इन बदलावों का उद्देश्य राज्य में पर्यटन सुविधाओं का विस्तार, निवेश को प्रोत्साहन और स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है. 
       
इस नई पर्यटन नीति से बिहार के पर्यटन क्षेत्र में बड़ा बदलाव तो होगा ही, साथ ही इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे. राज्य के पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि नई पर्यटन नीति के तहत अब सभी पर्यटन स्थलों की परियोजना लागत की सीमा को 10 करोड़ रुपये से घटाकर 7.5 करोड़ रुपये कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि विगत 21 मार्च को राज्य सरकार ने एक संकल्प के जरिए राज्य के पर्यटन स्थलों में बनने वाले नए होटलों, रिजॉर्ट, हेरिटेज होटलों के विकास के लिए नई नीति बनाई है.
      
राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों यथा पटना, गया, बोधगया, नालंदा, राजगीर, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में न्यूनतम चार सितारा होटलों के निर्माण की नीति जारी रहेगी. इसके लिए न्यूनतम परियोजना लागत दस करोड़ रुपये की होगी. इसमें भूमि लागत शामिल नहीं होगी. जबकि अन्य जिला मुख्यालयों व अन्य छोटे शहरों में न्यूनतम तीन व दो सितारा होटलों का निर्माण किया जा सकेगा. इसके लिए सरकार ने क्रमश 7.50 करोड़ और 5 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी है. बता दें कि पूर्व में राज्य भर में केवल चार सितारा होटलों में ही निवेश की अनिवार्यता थी, लेकिन अब तीन और दो सितारा होटलों में भी निवेश किया जा सकेगा. इसका सीधा लाभ छोटे और मध्यम श्रेणी के निवेशकों को होगा. इस मौके पर बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक नंदकिशोर भी मौजद थे. 

स्थानीय लोगों को रोजगार के मिलेंगे नए अवसर

पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि इन होटलों में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने पर उनके भविष्य निधि खाते में सरकार हर महीने अधिकतम 3 हजार रुपये का अंशदान देगी. जबकि दिव्यांगजनों के लिए सरकार इस मद में 1500 रुपये का अतिरिक्त अंशदान करेगी. ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें. उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी स्थित माता जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम का विकास अयोध्या की तर्ज पर किया जाएगा. राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि जो निवेशक 100 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे, उन्हें 25 करोड़ रुपये तक की कैपिटल सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इसके अलावा राज्य में 15 अगस्त से पहले दो नए रोप-वे की शुरुआत की जाएगी. जबकि तीन अन्य रोप-वे परियोजनाएं भी जल्द ही शुरू की जाएंगी. उन्होंने कहा कि धार्मिक के साथ ही ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है.

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