इनेलो के अभय चौटाला के चुनावी वादों को जानकर हैरान रह जाएंगे आप! क्या पड़ेगा चुनाव पर कोई असर?
Abhay Chautala: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने जो चुनावी वादे लोगों से किए हैं, उनकी खूब चर्चा हो रही है. ये वादे पूरे होंगे या नहीं ये तो चुनाव परिणाम बताएगा. लेकिन फिलहाल लोग मजे लेकर इन वादों पर बातें कर रहे हैैं.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाले के चुनावी वादे चर्चा में हैं.
इन वादों में ऐसी बातें, जिन्हें जानने-समझने के बाद लोग कर रहे तरह-तरह के सवाल.
Abhay Chautala: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने जो चुनावी वादे लोगों से किए हैं, उनकी खूब चर्चा हो रही है. ये वादे पूरे होंगे या नहीं ये तो चुनाव परिणाम बताएगा. लेकिन फिलहाल लोग मजे लेकर इन वादों पर बातें कर रहे हैं. अभय चौटाला की किसी समय हरियाणा में तूती बोला करती थी लेकिन अब हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के मजबूत होने के बाद इनेलो तीसरे और चौथे नंबर की पार्टी बनकर रह गई है.
इस चुनाव में भी इंडियन नेशनल लोकदल को बसपा के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरना पड़ा है. लेकिन इनके गठबंधन से अधिक चर्चा अभय चौटाला की पार्टी द्वारा किए जा रहे चुनावी वादों को लेकर हो रही है. अभय चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल ने वादे भी बड़े गजब के किए हैं.
पहला वादा किया है कि इनकी सरकार बनने पर पहली तारीख को ही फ्री सिलेंडर घर पर पहुंचाएंगे. महिलाओं को नमक-मिर्च के लिए 1100 रुपए हर महीने देंगे. पूरे हरियाणा में बिजली को फ्री कर देंगे. इसके साथ ही जिन घरों के बाहर मीटर लगे हैं, उन सभी मीटरों को निकालकर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के घर के बाहर लटका देंगे. घर में मौजूद एक बेरोजगार युवक को सरकारी नौकरी देंगे. जब तक नौकरी नहीं मिलती, तब तक बेरोजगार युवाओं को 2100 रुपए बेरोजगारी भत्ता भी देंगे.
मायावती बोल गई, सरकार बनी तो चौटाला बनेंगे सीएम
बीते रोज एक जनसभा में मायावती ने कहा कि यदि इनेलो-बसपा गठबंधन की सरकार बनती है तो अभय चौटाला को हरियाणा का सीएम बनाया जाएगा. दो डिप्टी सीएम होंगे. एक दलित समुदाय से होगा और दूसरा डिप्टी सीएम सर्व समाज से होगा. हालांकि अभय चौटाला की पार्टी इनेलो और खुद बसपा की हरियाणा की राजनीति में अब खास पकड़ नहीं रही है. सरकार बनेगी या नहीं इसे लेकर भी तरह-तरह के सवाल हैं. ऐसे में चौटाला के वादों को लोग कितना गंभीरता से लेते हैं, इसे जानने के लिए चुनाव परिणाम आने तक इंतजार करना होगा.
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