BJP नेता 'चिंटू' ने गोमूत्र पिलाकर गरबा पंडाल में एंट्री देने की थी मांग, पार्टी की फटकार के बाद बदले सुर
BJP leader Chintu: मध्यप्रदेश के इंदौर में एक भाजपाई नेता चिंटू वर्मा अपने एक बयान की वजह से चर्चाओं में हैं. ये इंदौर में बीजेपी के जिलाध्यक्ष हैं. इन्होंने एक दिन पहले कहा था कि गरबा पंडाल में एंट्री के लिए गोमूत्र पीने काे अनिवार्य किया जाए. इससे विवाद खड़ा हो गया. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इनसे जो भी कहा, उसके बाद इनके सुर बदल गए.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
मध्यप्रदेश के इंदौर में एक भाजपाई नेता चिंटू वर्मा अपने एक बयान की वजह से चर्चाओं में हैं
इन्होंने एक दिन पहले कहा था कि गरबा पंडाल में एंट्री के लिए गोमूत्र पीने काे अनिवार्य किया जाए.
BJP leader Chintu: मध्यप्रदेश के इंदौर में एक भाजपाई नेता चिंटू वर्मा अपने एक बयान की वजह से चर्चाओं में हैं. ये इंदौर में बीजेपी के जिलाध्यक्ष हैं. इन्होंने एक दिन पहले कहा था कि गरबा पंडाल में एंट्री के लिए गोमूत्र पीने काे अनिवार्य किया जाए. इससे विवाद खड़ा हो गया. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इनसे जो भी कहा, उसके बाद इनके सुर बदल गए.
बीजेपी जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा का अब कहना है कि गोमूत्र पिलाकर गरबा पंडाल में एंट्री का बयान उनका निजी था. वह पार्टी का बयान नहीं था न ही मेरा बयान पार्टी लाइन को दर्शाता है. मैंने तो साफ नीयत से कहा था कि जैसे प्रसाद के रूप में दूसरी चीजे दी जाती हैं, वैसे ही गो मूत्र भी पिलाया जाना चाहिए.
चिंटू वर्मा ने कहा कि कई बार सुनने को मिलता है कि गरबा पंडाल में कुछ गलत लोग भी आ जाते हैं तो वे किसी अन्य समाज के होंगे तो गोमूत्र पीने से बचेंगे और गरबा पंडालों से दूर रहेंगे. हम लोग तो गोमूत्र पीते हैं तो इसमें लोगों को प्रसाद के रूप में ही देने की बात कही थी, जिसे गलत तरीके से मीडिया में हाईलाइट कर दिया गया. चिंटू वर्मा के इस बयान की वजह से बीजेपी को बेवजह ही मीडिया को सफाई देना पड़ रही है. बीजेपी का साफ कहना है कि इस तरह के विचार और बयान पार्टी के नहीं है. ये बोलने वाले नेता के अपने विचार हैं.
बीजेपी ने चिंटू वर्मा के बयान से झाड़ लिया था पल्ला
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने इंदौर जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा के बयान से पल्ला झाड़ लिया है. वीडी शर्मा का कहना है कि देखो, ये तो ऐसा है कि अपने-अपने विचार होते हैं, लोग क्या-क्या कहते रहते हैं. ये कोई संगठन का विचार नहीं है.सूत्रों के अनुसार चिंटू वर्मा की पार्टी के अंदर शीर्ष नेताओं ने इस तरह के बयान के लिए फटकार लगाई है, जिसके बाद चिंटू वर्मा के सुर बदल गए हैं और अब इसे अपना निजी विचार बता रहे हैं.
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