शिवपुरी मेडकल कॉलेज में भर्ती में घोटाला, जांच करने पहुंची EOW की टीम
Corruption In MP: शिवपुरी का मेडिकल कॉलेज शुरू होने के समय से ही भवन निर्माण, खरीदी और भर्ती प्रक्रिया में खुली धांधली को लेकर चर्चा में रहा है. कोविड काल में यह स्थिति चरम पर पहुंची. इस दौरान कॉलेज में हुई शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती, साथ ही महंगे सामानों की खरीदी में बड़े स्तर […]
ADVERTISEMENT

Corruption In MP: शिवपुरी का मेडिकल कॉलेज शुरू होने के समय से ही भवन निर्माण, खरीदी और भर्ती प्रक्रिया में खुली धांधली को लेकर चर्चा में रहा है. कोविड काल में यह स्थिति चरम पर पहुंची. इस दौरान कॉलेज में हुई शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती, साथ ही महंगे सामानों की खरीदी में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने के आरोप हैं. इसकी जांच के लिए अब ईओडब्यू की टीम शिवपुरी कॉलेज आई.
शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में ईओडब्ल्यू की टीम के पहुंचने से हड़कंप मच गया. शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए ईओडब्ल्यू की टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची. जांच टीम ग्वालियर से शिवपुरी आई. ईओडब्ल्यू की टीम ने शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन से दस्तावेज मांगे. फिलहाल एक सप्ताह के भीतर दस्तावेज उपलब्ध कराने का भरोसा देकर टीम को वापस लौटा दिया गया है.
कोरोना काल में हुआ भ्रष्टाचार
इस मामले में लोकायुक्त पुलिस के उप निरीक्षक का कहना है कि कोविड काल में जो सामान की खरीदी की गई थी , उसमें भी अनियमितता की शिकायत लोकयुक्त को की गई है. यह शिकायत सामग्री खरीद, भर्ती प्रक्रिया में भृष्टाचार, नर्सिंग स्टाफ की भर्ती मामले में की गई गड़बड़ी के सिलसिले में है. आपको बता दें कि ईओडब्ल्यू काफ़ी समय से इससे सम्बंधित दस्तावेजों की मांग कर रहा था, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने उपलब्ध नहीं कराए. अब टीम को प्रबंधन द्वारा सात दिनों में सम्बंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने का भरोसा दिया गया है.
यह भी पढ़ें...
ग्वालियर में की गई थी शिकायत
श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में स्टाफ की भर्ती और सामान खरीदी में भ्रष्टाचार होने की की शिकायत ईओडब्ल्यू ग्वालियर में की गई थी. फिलहाल अभी ये जानकारी नहीं है कि कितने रुपयों के भ्रष्टाचार करने का आरोप है. ईओडब्ल्यू का कहना है कि दस्तावेज उपलब्ध होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. लंबे समय तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने की वजह से टीम को मेडिकल कॉलेज पहुंचना पड़ा.
ये भी पढ़ें: शहीद की पत्नी अब सेना में लेफ्टिनेंट, जहां पति को मिली शहादत, वहीं मिली पहली तैनाती