MP की पहली महिला मुख्य सचिव का निधन, लंबे समय से चल रही थीं बीमार
MP News: मध्यप्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच का निधन हो गया है। उन्होंने आज सुबह भोपाल में अंतिम सांस ली है. वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं. 98 साल की उम्र में MP की पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. निर्मला बुच 1960 […]
ADVERTISEMENT
MP News: मध्यप्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच का निधन हो गया है। उन्होंने आज सुबह भोपाल में अंतिम सांस ली है. वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं. 98 साल की उम्र में MP की पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच ने दुनिया को अलविदा कह दिया है.
निर्मला बुच 1960 बैच की IAS अधिकारी हैं. साल 1991 में उन्हें मध्य प्रदेश की पहवी मुख्य सचिव बनाया गया था. निर्मला बुच 22 सितंबर 1991 से 1 जनवरी 1993 तक मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव थीं. प्रदेश की महिला नीति बनाने और उसे लागू करवाने में इनकी अहम भूमिका है.
मुख्यमंत्री शिवराज ने जताया शोक
निर्मला बुच के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती निर्मला बुच जी के निधन के समाचार से मन दुःखी है. उनकी कर्तव्यनिष्ठा और प्रशासनिक दक्षता अद्भुत थी, मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं. दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं परिजनों के साथ हैं.
ADVERTISEMENT
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती निर्मला बुच जी के निधन के समाचार से मन दुःखी है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और प्रशासनिक दक्षता अद्भुत थी। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ। दुःख की इस घड़ी में मेरी…
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 9, 2023
कौन हैं निर्मला बुच
निर्मला बुच का जन्म 11 अक्टूबर 1925 को उप्र के खुर्जा में हुआ था. वर्ष 1960 में मंसूरी से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनकी पहली पदस्थापना 1961 में जबलपुर में हुई थी. वह 1961 से 1993 तक मध्य प्रदेश एवं भारत सरकार के विभिन्न विभागों के प्रशासन एवं प्रबंधन के पदों पर रहीं थी. वह मध्य प्रदेश सरकार में 1975-77 तक वित्त सचिव एवं शिक्षा सचिव तथा 1991-1992 में मुख्य सचिव के पद पर रहीं. इन पदों पर रहते हुए उन्होंने प्रदेश के विकास का जो मॉडल तैयार किया, वह मील का पत्थर साबित हुआ.
ADVERTISEMENT
ये भी पढ़ें: दिग्विजय सिंह पर इंदौर में केस दर्ज, पूर्व सरसंघचालक गोलवलकर पर विवादित टिप्पणी का मामला
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT