चंद्रयान-3 की सफलता में MP के नीरज सत्य की अहम भूमिका, किया ये बड़ा काम; जानें
Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 के चांद पर सफल लैंडिंग के लिए पूरे देश में खुशी का माहौल है. इस पूरे प्राजेक्ट में MP के खरगोन के छोटे से कस्बे के वैज्ञानिक नीरज सत्य (Neeraj satya) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. छोटे से गांव में पढ़े नीरज ने इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए कड़ा संघर्ष […]
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Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 के चांद पर सफल लैंडिंग के लिए पूरे देश में खुशी का माहौल है. इस पूरे प्राजेक्ट में MP के खरगोन के छोटे से कस्बे के वैज्ञानिक नीरज सत्य (Neeraj satya) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. छोटे से गांव में पढ़े नीरज ने इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए कड़ा संघर्ष किया है. तीनों चंद्रयान के हिस्सा रहे नीरज पिछले 15 साल से इसरो में सेवाएं दे रहे हैं. चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लैंडिंग करने के मिशन की लीडिंग टीम में वे शामिल थे. उनकी सफलता से परिवार गदगद है और दोस्त गर्व से फूले नहीं समा रहे हैं.
चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर दुनिया में सफलता का झंडा गाड़ने का काम किया है. वैज्ञानिकों की टीम में खरगोन जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर छोटे से गांव गोगावां के वैज्ञानिक नीरज सत्य का खास योगदान रहा है.
कैसा रहा नीरज का ISRO तक का सफर
नीरज ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गुड़गांव और सनावद के नवोदय विद्यालय से की है. नीरज में उस दौर में पढ़ाई की है जब कई घंटो तक बिजली गुल रहा करती थी. सड़क बेहाल और आवागमन के चंद ही साधन हुआ करते थे. नवोदय में 12वीं तक पढ़ने के बाद भोपाल में आगे की पढ़ाई की है. आरकेडीएफ भोपाल से 2000 की बैच में पासआउट नीरज सत्य थर्मल डिजाइनर के प्रोजेक्ट मैनेजर रहे. मिशन में उनका काम स्पेसक्राफ्ट सिस्टम का तापमान मेंटेन करने का था. जिसे उन्होंने बखूबी निभाया है. उन्होंने टेस्ट सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग की और थर्मल प्रोजेक्ट को पहले की अपेक्षा और बेहतर किया. नीरज में बचपन से ही स्पेस, चंद्रमा, सूरज और ब्रह्मांड को जानने की जिज्ञासा रही है.
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चार-चार महीने परिवार से बात नहीं…
नीरज की मां ललिता देवी का कहना है “चंद्रयान-3 की सफलता के दिन उसके सफल होते देख बहुत खुशी हुई उसने बचपन में कहा था “एक दिन ऐसा काम करूंगा देश का नाम ऊंचा हो” अपने देश के लिए किया और इसरो में अच्छी पोजीशन बना कर रखी. बेटे ने बचपन से ही बहुत संघर्ष किया है. “चार-चार महीने बेटे से बात नहीं हो पाती है, लेकिन भारत माता के लिए बेटे ने जो किया वो अभूतपूर्व है.

बचपन से ही विज्ञान विषय को पढ़ने में थी रूचि
नीरज के बचपन के दोस्त भूपेंद्र गुप्ता का कहना है ” “नीरज की और चंद्रयान की सफलता पर पूरे देश को गर्व है” नीरज मेरे बचपन का दोस्त है उसकी इस उपलब्धि पर काफी खुशी है. उसने अपने परिवार के साथ ही पूरे गांव और मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है. नीरज का मन बचपन से ही साइंस को पढ़ने का था. दो बार असफल रहने पर उसने कहा हम दो बार असफल रहे लेकिन हमारा प्रयास जारी है और हम तीसरी बार जरुर सफल होंगे. हमने पूरे परिवार ने उसकी सफलता को दिखा और जब चंद्रयान-3 सफल हुआ तो हमने टीवी पर देखा उसके चेहरे पर सफलता की खुशी झलक रही थी.
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