चर्चित चेहरा: सांसद कंगना रनौत BJP के लिए स्टार या सिरदर्द?
कंगना का सबसे ताज़ा विवाद किसान कानूनों पर उनके बयान से जुड़ा है. वो कानून, जिन्हें मोदी सरकार को भारी विरोध के चलते वापस लेना पड़ा था, अब फिर से चर्चा में हैं. हरियाणा के चुनावी माहौल के बीच कंगना ने कहा कि उन कानूनों को दोबारा लागू किया जाना चाहिए. इससे बीजेपी मुश्किल में पड़ गई.
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Kangana Ranaut: कंगना रनौत पहले बॉलीवुड की स्टार हुआ करती थीं लेकिन अब भारतीय राजनीति में अपनी जगह बना चुकी हैं. लेकिन बीजेपी के लिए उनका सफर स्टार से लायबिलिटी बनने का हो गया है. पार्टी ने उन्हें एक चमकते चेहरे के रूप में राजनीति में उतारा था, लेकिन अब उनके बयानों से पार्टी परेशान है. कंगना अपने बेबाक और धाकड़ अंदाज के लिए जानी जाती हैं. वे अब लगातार ऐसे बयान दे रही हैं जिससे पार्टी और सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी सिर पकड़ने को मजबूर हैं, क्योंकि कंगना के गैर-रोक-टोक बयानों का कोई तोड़ पार्टी के पास नहीं दिख रहा.
कंगना के किसानों के कानून पर दिए बयान से हंगामा
कंगना का सबसे ताज़ा विवाद किसान कानूनों पर उनके बयान से जुड़ा है. वो कानून, जिन्हें मोदी सरकार को भारी विरोध के चलते वापस लेना पड़ा था, अब फिर से चर्चा में हैं. हरियाणा के चुनावी माहौल के बीच कंगना ने कहा कि उन कानूनों को दोबारा लागू किया जाना चाहिए. इससे बीजेपी मुश्किल में पड़ गई, क्योंकि हरियाणा में एंटी-इनकंबेंसी का सामना कर रही पार्टी के लिए यह बयान और मुश्किलें खड़ी कर सकता है. किसान आंदोलन के जख्म अभी तक भरे नहीं हैं और कंगना ने फिर से उस पर तेल छिड़कने का काम कर दिया.
कंगना का बयान बना मुसीबत
कंगना के इस बयान ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दीं. बीजेपी ने तुरंत बयान जारी कर कहा कि कंगना की राय पार्टी लाइन से मेल नहीं खाती. कंगना को जल्द ही समझ आ गया कि उन्होंने क्या कर दिया, और उन्होंने बयान से यू-टर्न ले लिया. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, क्योंकि विपक्ष ने इस मुद्दे को लपक लिया था
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बीजेपी के लिए सिरदर्द बनती कंगना
सांसद बनने के बाद से कंगना के बयानों की भरमार है. चाहे किसान आंदोलन हो या किसी और मुद्दे पर, कंगना लगातार ऐसे बयान दे रही हैं जो पार्टी के लिए सिरदर्द बन रहे हैं. 25 अगस्त को उन्होंने किसान आंदोलन में रेप और हत्याओं का जिक्र किया था, जबकि इससे पहले उन्होंने बुजुर्ग महिला आंदोलनकारियों पर भी विवादित टिप्पणी की थी. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कंगना को सलाह दी थी कि वे सोच-समझकर बोलें, लेकिन लगता है कंगना पर इन बातों का कोई असर नहीं है.
कंगना का फिल्मी सफर
कंगना ने 2006 में अपनी पहली फिल्म गैंगस्टर से बॉलीवुड में कदम रखा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके करियर की शुरुआत में आदित्य पंचोली ने उनकी मदद की थी. दोनों के बीच का रिश्ता काफी चर्चा में रहा और बाद में उनके संबंधों में कड़वाहट आ गई. कंगना का निजी जीवन हमेशा मीडिया की सुर्खियों में रहा, लेकिन इन विवादों के बावजूद उन्होंने तनु वेड्स मनु जैसी हिट फिल्में दीं, जिसने उन्हें बड़ी पॉपुलैरिटी दिलाई.
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फिल्मों से राजनीति तक का सफर
फिल्मों में सफलता के बाद कंगना की नजर राजनीति पर पड़ी. बिना राजनीति में औपचारिक प्रवेश किए ही, उन्होंने बीजेपी और मोदी सरकार का समर्थन करना शुरू कर दिया. खासकर, राहुल गांधी पर उनके हमले ने उन्हें बीजेपी के हिंदुत्व राजनीति का चेहरा बना दिया. मुंबई के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनकी भिड़ंत और बीएमसी द्वारा उनके ऑफिस पर बुलडोजर चलाने की घटना भी खूब चर्चा में रही.
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2024 लोकसभा चुनाव और कंगना की जीत
कंगना की बीजेपी भक्ति का सबसे बड़ा इनाम 2024 के लोकसभा चुनाव में मिला, जब उन्हें हिमाचल प्रदेश के मंडी से पार्टी ने टिकट दिया. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता विक्रमादित्य सिंह को हराकर जीत दर्ज की. हालांकि, अब सांसद बनने के बाद कंगना के बयानों से बीजेपी परेशान है. उनकी बेबाकी पार्टी के लिए लगातार मुश्किलें पैदा कर रही है और अब पार्टी न उन्हें रोक पा रही है और न ही नजरअंदाज कर पा रही है.
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