दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए मोहसिन के अंतिम संस्कार को लेकर छिड़ा विवाद, दफनाने की जगह को लेकर मचा बवाल
लाल किला ब्लास्ट में मेरठ के मोहसिन की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर परिवार में विवाद हो गया. मां चाहती थीं कि दफन मेरठ में हो, जबकि पत्नी सुल्ताना के आग्रह पर आखिरकार मोहसिन को दिल्ली में दफनाया गया.

दिल्ली के लाल किले पर हुए ब्लास्ट में मेरठ के रहने वाले मोहसिन की मौत हो गई है. मोहसिन 35 साल का था और पिछले दो सालों से अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दिल्ली में रहकर ई रिक्शा चला कर अपना गुजर बसर कर रहा था.
धमाके में हुए हादसे के बारे में जब मोहसिन के पिता और भाईयों को पता चला तो वो दिल्ली पहुंचे और उसका शव मेरठ ले आए. यहां लाकर उसकी अंतिम क्रिया पूरी करने का कार्य किया ही जा रहा था कि इसी बीच मोहसिन की पत्नी सुल्तान अपने पति के अंतिम दर्शन के लिए नहीं पहुंची, लेकिन उसके ससुर वहां पहुंचे और कहा कि मृतक की पत्नी चाहती है कि उसके पति का अंतिम संस्कार दिल्ली में हो.
इस मुद्दे को लेकर काफी देर तक तना तनी चलती रही मोहसिन के परिजन चाहते थे की उसे मेरठ के कब्रिस्तान में दफनाया जाए,जबकि पत्नी जिद पर अड़ी थी की उसको दिल्ली में ही दफनाया जाए.
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आखिरकार पत्नी सुल्तान मेरठ पहुंची और काफी और गर्मा गर्मी होने के बाद आखिरकार वह मोहसिन का शव दिल्ली को लेकर के लिए रवाना हो गई.
कौन है मोहसीन
मोहसिन मूल रूप से मेरठ के न्यू इस्लाम नगर की गली नंबर 28 का रहने वाला था, लगभग 2 साल पहले वह रोजी रोटी की तलाश में अपने परिवार के साथ दिल्ली चला गया था और वहां ई रिक्शा चलाने लगा था. मोहसिन के परिवार में उसकी पत्नी सुल्तान 10 साल की बेटी हाफिज और 8 साल का बेटा आहत है.
मोहसिन दिल्ली में किराए के मकान में रहता है और यही उसका ससुराल भी है. बताया जा रहा है कि सोमवार शाम मोहसिन ई रिक्शा से सवारियां लेकर लाल किले की तरफ जा रहा था इसी दौरान लाल किले के पास धमाका हुआ और वह भी उस की चपेट में आ गया.
मंगलवार सुबह उसका शव मेरठ पहुंचा तो परिवार में चीख पुकार मच गई. मोहसिन का परिवार खासतौर से मां यह चाहती थी की उसका मेरठ में ही दफनाया जाए, जबकि पत्नी सुल्ताना जिद पर अड़ी की उसका अंतिम संस्कार दिल्ली में किया जाए.
दिल्ली में दफनाने पर बनी सहमति
इस बात को लेकर मोहसिन की मां और पत्नी दोनों में काफी रार भी हुई और काफी देर तक हंगामा होता रहा. आखिरकार दिल्ली में ही मोहसिन के शव को दफनाने की सहमति बनी और पत्नी सुल्तान मोहसिन के शव को वापस दिल्ली ले गई
मृतक के पिता रफीक हैंडलूम पर मजदूरी का काम करते हैं और उनके 11 बच्चे हैं जिसमें से 6 बेटे और पांच बेटियां हैं.
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