जस्टिस संजीव खन्ना को मिला बड़ा प्रमोशन, नए चीफ जस्टिस की शपथ ली; बड़े फैसलों के लिए है पहचान

सुमित पांडेय

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जस्टिस संजीव खन्ना ने देश के 51वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली है.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली.

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सुप्रीम कोर्ट के जज रहे जस्टिस हंसराज खन्ना के भतीजे हैं, अपने समय के प्रमुख न्यायाधीश रहे हैं

Chief Justice Sanjeev Khanna: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें एक सादे समारोह में राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई. जस्टिस खन्ना 11 नवंबर 2024 से 13 मई 2025 तक 6 महीने के लिए इस पद पर रहेंगे. उनका जन्म एक विधिवेत्ता परिवार में हुआ और वह सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस हंसराज खन्ना के भतीजे हैं, जो अपने समय के एक प्रमुख न्यायाधीश रहे हैं.

जस्टिस संजीव खन्ना ने 14 मई 1960 को जन्म लिया और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड से पूरी की. दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद उन्होंने कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की. उनका सुप्रीम कोर्ट में सफर 18 जनवरी 2019 से शुरू हुआ. अपने कार्यकाल में उन्होंने 456 पीठों का हिस्सा बने और 117 महत्वपूर्ण फैसले लिखे. 

चुनावी बॉन्ड योजना पर फैसला देने वाली पीठ के सदस्य रहे

उनके कार्यकाल के दौरान चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करने वाले फैसले में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई. इसी तरह, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले में भी उन्होंने अपनी सहमति दी, जिसमें केंद्र सरकार के इस कदम को बरकरार रखा गया था.

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जस्टिस संजीव खन्ना के परिवार का न्यायिक इतिहास भी बेहद मजबूत रहा है. उनके चाचा जस्टिस एच.आर. खन्ना को "बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले" में सरकार के खिलाफ फैसला सुनाने के लिए जाना जाता है. उस फैसले ने आपातकाल के समय में भी संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया. इस विरासत को संजीव खन्ना ने आज तक संजोकर रखा है.

दिलचस्प बात यह है कि जस्टिस खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट में अपने पहले दिन की शुरुआत उसी अदालत कक्ष से की थी, जहां से उनके चाचा ने एक जज के रूप में सेवा समाप्त की थी. वह छह जजों में से एक हैं जिन्हें सीधे उनके मूल उच्च न्यायालय, दिल्ली हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया है.

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अरविंद केजरीवाल को जमानत देने का फैसला सुनाया

सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में जस्टिस खन्ना ने न केवल संवैधानिक मामलों में निर्णय दिए हैं. बल्कि उन्होंने देश के कानून में कई ऐतिहासिक पहल की हैं. उनकी पीठ ने चुनावी बॉन्ड योजना पर फैसले के साथ-साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने जैसे मामलों में महत्वपूर्ण फैसले सुनाए.

जस्टिस खन्ना का करियर कई कानून क्षेत्रों जैसे संवैधानिक कानून, कराधान, मध्यस्थता, कंपनी कानून और पर्यावरण कानून में फैला है. दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश से लेकर स्थायी न्यायाधीश बनने तक, उन्होंने अपने हर पद का सम्मानपूर्वक निर्वहन किया. साथ ही, उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र, और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्र का नेतृत्व भी किया.

उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों में सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष के रूप में सेवा करना और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य करना शामिल हैं. वे राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं. जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 को समाप्त होगा, जब वे अपने 65वें जन्मदिन से एक दिन पहले सेवानिवृत्त होंगे.

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इनपुट- दिल्ली से संजय शर्मा... 

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