फारूक अब्दुल्ला के मेनिफेस्टो में राहुल गांधी जैसी गांरटी, बीजेपी की बढ़ा रही टेंशन

रूपक प्रियदर्शी

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Jammu Kashmir Elections: लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता के लिए बने इंडिया गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी कांग्रेस के अलायंस पार्टनर हैं लेकिन चुनाव में तीनों पार्टियों के बीच कोई अलायंस नहीं हुआ. अभी तक पक्का नहीं है कि इंडिया गठबंधन की अलायंस पार्टनर्स के बीच विधानसभा चुनाव में अलायंस होगा या नहीं. बिना कांग्रेस या पीडीपी का इंतजार किए फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कान्फ्रेंस ने चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है. 

अब्दुल्ला का मेनिफेस्टो राहुल से मिलता जुलता

लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिला इसलिए राहुल गांधी का न्याय वाला मेनिफेस्टो लागू नहीं हो पाया. गारंटियों से पॉलिटिकल एजेंडा ऐसा सेट हुआ कि महाराष्ट्र से जम्मू कश्मीर तक असर दिख रहा है. जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सबसे पहले मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. उमर अब्दुल्ला ने 12 गारंटी दी है जिसमें बहुत कुछ ऐसा है जो कांग्रेस की गारंटीज  से मिलता-जुलता है. 10 साल बाद होने जा रहे हैं जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव. जम्मू कश्मीर की राजनीतिक फिजा बदली-बदली सी है.  चुनाव पिछले कई चुनावों से अनोखा रह सकता है. कौन सोच सकता था कि जम्मू कश्मीर में भी फ्री बिजली, फ्री सिलेंडर, बागों में बहार जैसे चुनावी वादे किए जाएंगे. 

नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी घोषणापत्र में वादा किया है कि सरकार बनी तो गरीब परिवारों को एक साल में 12 गैस सिलेंडर फ्री मिलेंगे. 200 यूनिट फ्री बिजली मिलेगी. गरीब परिवारों की महिलाओं को हर महीने सरकार से 5 हजार रुपये मिलेंगे. हर महीने प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम चावल या आटा मिलेगा. युवाओं के लिए एक लाख नौकरियां पैदा करने की गारंटी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ली है. हार्ट, किडनी, कैंसर जैसी बीमारी होने पर साल में 5 लाख का मुफ्त बीमा मिलेगा. 5 साल का रोडमैप उमर अब्दुल्ला ने जारी किया. फारुख अब्दुल्ला कह चुके हैं कि उमर चुनाव नहीं लड़ेंगे. चुनाव फारुख लड़ने वाले हैं.

बीजेपी की बढ़ी टेंशन!

फ्री बिजली, फ्री सिलेंडर, फ्री अनाज-बीजेपी को नेशनल कॉन्फ्रेंस की ऐसी गारंटियों से कोई दिक्कत नहीं. दिक्कत ये है कि पार्टी ने ये गारंटी दी है कि सरकार बनी तो  धारा 370 को बहाल करेंगे.  370 हटाने के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव पास कराएगी. 24 साल से एक और अधूरा वादा पूरा किया जाएगा. 2000 में फारुख अब्दुल्ला ने सीएम रहते विधानसभा से जम्मू कश्मीर को पूर्ण स्वायत्ता का प्रस्ताव पास कराया था. उस प्रस्ताव में 1953 से पहले की संवैधानिक स्थिति को बहाल करने की बात कही गई थी. तब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने जम्मू कश्मीर सरकार का प्रस्ताव खारिज कर दिया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस का इन सब एजेंडे के बीजेपी आज भी खिलाफ है. घोषणापत्र आया तो बीजेपी ने राष्ट्र विरोधी और अलगाववाद समर्थक करार दिया. 

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कश्मीर में नहीं लड़ी थी चुनाव

2019 में 370 खत्म करने के बाद जम्मू कश्मीर में पहला लोकसभा चुनाव हुआ लेकिन कश्मीर घाटी में बीजेपी चुनाव लड़ने ही नहीं आई. जम्मू की 2 लोकसभा सीटें तो बीजेपी ने जीत ली लेकिन कश्मीर घाटी में बीजेपी चुनाव लड़ने ही नहीं आई. कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच दोस्ताना चुनाव हुआ. कांग्रेस और पीडीपी का तो खाता भी नहीं खुला. कश्मीर घाटी की दो लोकसभा सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत ली. हालांकि उमर अब्दुल्ला खुद अपना चुनाव हार गए. लोकसभा चुनाव का ट्रेंड देखते हुए लगता है कि विधानसभा में सीधी लड़ाई बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच हो सकती है. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे. नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.  

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