INDIA की बैठक से पहले केजरीवाल को ED ने फिर भेजा नोटिस पर विपश्यना में रहेंगे तो जाएंगे कैसे?

देवराज गौर

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Arvind Kejriwal
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Delhi Excise Policy Case: दिल्ली शराब घोटाला मामले में इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) ने अरविंद केजरीवाल को 21 दिसंबर को पेश होने का समन भेजा है. इससे पहले ED ने 2 नवंबर को अरविंद केजरीवाल को पेश होने के लिए कहा था. तब अरविंद केजरीवाल ने इसे राजनैतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया था और कहा था कि यह उन्हें चुनावी राज्यों में प्रचार करने के लिए जाने से रोकने के लिए है. तब पांच राज्यों के चुनाव होने थे, जिनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल थे.

ED का यह समन ऐसे समय में आया है जब 16 दिसंबर को अरविंद केजरीवाल के 10 दिन के विपश्‍यना में जाने की जानकारी सामने आई थी. केजरीवाल 19 दिसंबर से 30 दिसंबर तक विपश्यना में रहने वाले हैं.

यह भी खबर आई है कि वह विपश्यना में जाने से पहले 19 दिसंबर को होने वाली इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) की बैठक में भी शामिल होंगे. अब सवाल यह है कि अगर केजरीवाल विपश्यना में गए, तो क्या इस बार भी वह ED के इस नोटिस को दरकिनार करेंगे? अगर ऐसा हुआ तो ED का अगला कदम क्या हो सकता है?

ईडी के समन पर पेश नहीं हुए केजरीवाल तो आगे क्या?

अगर ED किसी व्यक्ति को कोई नोटिस जारी करती है और वो उसके सामने पेश नहीं होता है, तो धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के मुताबिक कुछ ऑप्शन हैं. ED किसी भी व्यक्ति को तीन नोटिस जारी करती है. अगर इसके बाद भी वो व्यक्ति हाजिर नहीं होता है, तो ED कोर्ट से उस व्यक्ति के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करा सकती है. ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को वारंट में दी गई तारीख और समय पर कोर्ट में उपस्थित होना होता है.

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PMLA के सेक्शन 63 में ऐसा भी प्रावधान है कि, अगर कोई व्यक्ति ED को गलत जानकारी देता है, तो उसे दस हजार रुपए तक जुर्माना और जेल की सजा भी हो सकती है.

केजरीवाल के सामने क्या हैं ऑप्शन?

अरविंद केजरीवाल ED के समन को कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं. वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी दे सकते हैं.

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चलते चलते यह भी जान लीजिए कि विपश्‍यना क्या होती है?

विपश्‍यना एक प्राचीन भारतीय ध्यान विधि है. जिसमें व्यक्ति को किसी भी प्रकार के बोलने की मनाही होती है. किसी भी प्रकार की भौतिक चीजों से भी दूर रखती है जो ध्यान भटकाने का काम करती हो. जैसे फोन, इंटरनेट इत्यादि. इसमें व्यक्ति पूरी तरह से समाज से कट जाता है और केवल विपश्यना पर ही अपना ध्यान केंद्रित करता है.

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विपश्‍यना का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त करने के साथ-साथ अंतर्दृष्टि और बाह्यदृष्टि को स्पष्ट करना होता है. विपश्यना के माध्यम से व्यक्ति जीवन में स्पष्टता और गहरी जागरुकता हासिल करने की कोशिश करता है. माना जाता है कि विपश्यना ध्यान विधि को गौतम बुद्ध ने पुनर्जीवित किया था.

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