बंगाल, ओडिशा में BJP करेगी टॉप, तेलंगाना-तमिलनाडु में भी बढ़ेगी! PK के प्रिडिक्शन का रियलिटी चेक
वरिष्ठ पत्रकार सत्पथी ने बताया कि, प्रदेश में बीजेडी के खिलाफ नकारात्मक माहौल है जो बीजेपी को मददगार साबित हो सकती है. उन्होंने बताया कि, चुनाव में 'मोदी फैक्टर' बीजेपी के लिए बहुत काम आने वाला है.
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Prashant Kishor: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बारे में एक नई भविष्यवाणियां की हैं. उनका मानना है कि, 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी देश के दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में अपने चुनावी प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार करेगी. उन्होंने बताया, पूर्वी राज्यों पश्चिम बंगाल और ओडिशा और दक्षिणी भारत के राज्यों तेलंगाना और तमिलनाडु में बीजेपी को इस बार के चुनाव में फायदा मिलने का अनुमान है. लोकसभा चुनाव से पहले पीके की इस भविष्यवाणी की जबरदस्त चर्चा है. लेकिन क्या राजनीतिक विश्लेषक उनसे सहमत हैं? और देश की जमीनी हकीकत क्या है? आइए इंडिया टुडे की रिपोर्ट से इसी बात को समझते है.
पहले ये जानिए कि आखिर पीके ने कहा क्या?
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव को लेकर विस्तार से बात की. 'लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर बोलते हुए पीके के कहा कि, बीजेपी तेलंगाना में या तो पहली या दूसरी पार्टी होंगी, जो एक बड़ी बात है. वे निश्चित रूप से ओडिशा में नंबर एक पार्टी होंगी. आप आश्चर्यचकित होंगे क्योंकि मेरी राय में पूरी संभावना है कि, बीजेपी पश्चिम बंगाल में नंबर एक पार्टी बनने जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, तमिलनाडु में बीजेपी का वोट शेयर का प्रतिशत दोहरे अंक में पहुंच सकता है. पीके ने यह भी कि, आंध्र के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के लिए अपना पिछला प्रदर्शन बरकरार रखना 'बहुत मुश्किल' होगा.
प्रशांत किशोर ने कहा ओडिशा में बीजेपी बनेगी नंबर 1 पार्टी!
2019 के लोकसभा चुनावों की तरह बीजेपी इस बार भी राज्य में सत्ता में मौजूद बीजू जनता दल (बीजेडी) को चुनौती देगी. पीके की ओडिशा में बीजेपी के नंबर वन पार्टी बनने के बयान पर वरिष्ठ पत्रकार राजाराम सत्पथी ने बताया कि, बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में इस बार बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है. पिछले चुनाव में जहां पार्टी ने 21 लोकसभा सीटों में से आठ सीटें जीती थी. सत्पथी के मुताबिक, इस बार के चुनाव में बीजेपी के सीटों की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है. यानी विशेषज्ञों का मानना है कि, इस बार बीजेपी को 15-16 सीटें मिल सकती है या ये आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है.
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वरिष्ठ पत्रकार सत्पथी ने बताया कि, प्रदेश में बीजेडी के खिलाफ नकारात्मक माहौल है जो बीजेपी को मददगार साबित हो सकती है. उन्होंने बताया कि, चुनाव में 'मोदी फैक्टर' बीजेपी के लिए बहुत काम आने वाला है.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी और मजबूत होकर उभरेगी?
पीके ने कहा हैं कि, ओडिशा के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में बीजेपी नंबर 1 पार्टी बनने जा रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में ऐतिहासिक चुनावी सफलता हासिल की थी. हालांकि पार्टी ने 18 सीटें जीती थी जो तृणमूल कांग्रेस की तुलना में चार सीटें कम थी लेकिन उसे प्रदेश में वोट शेयर का लगभग 40 फीसदी वोट मिले थे. बंगाल में बीजेपी के प्रदर्शन पर वरिष्ठ पत्रकार जयंत घोषाल कहते हैं कि, 'बीजेपी को कितनी सीटें मिलेंगी यह एक अलग कहानी है, लेकिन इस चुनाव में उसका वोट शेयर बढ़ने जा रहा है इसकी पूरी संभावना है. वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि, प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल होने के नाते बीजेपी को फायदा होगा. हालांकि घोषाल का कहना है कि, CAA का मुद्दा बीजेपी के खिलाफ अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट कर सकता है और सीटों में वृद्धि की संभावना को कम कर सकता है. उनका कहना हैं कि, 'अगर TMC को मुस्लिम वोट मिलते हैं, जो राज्य की आबादी का 30 फीसदी है, तो बीजेपी पश्चिम बंगाल में 2024 के लोकसभा चुनावों में सीटों की संख्या नहीं बढ़ा पाएगी.'
जयंत घोषाल ने बताया कि, ' इस बार के चुनाव में मेरा आकलन यह है कि, प्रदेश में 2019 के चुनाव में बीजेपी को मिली 18 सीटों से इस बार के चुनाव में इससे कम सीटें ही मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि, ये ग्राउंड ज़ीरो से आज का आकलन है. घोषाल कहते हैं कि, 'जैसे-जैसे पीएम मोदी प्रदेश में रैलियां करेंगे तो प्रदेश की चुनावी स्थिति बदल सकती है.'
फरवरी में 'इंडिया टुडे मूड ऑफ द नेशन' पोल में भविष्यवाणी की गई थी कि, बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपना प्रदर्शन सुधारेगी और 19 सीटें जीतेगी, लेकिन 22 सीटों के साथ तृणमूल कांग्रेस के दौड़ में आगे रहने का अनुमान लगाया गया था. इस सर्वे में बीजेपी को 40 फीसदी वोट शेयर हासिल करने का अनुमान था जो 2019 के बराबर ही है. वहीं ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 53 फीसदी वोट शेयर मिलने की उम्मीद जताई गई थी.
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पीके ने कहा तमिलनाडु में बीजेपी को शायद कुछ नहीं मिलेगा!
तमिलनाडु को लेकर प्रशांत किशोर ने की भविष्यवाणी की हैं कि, इस बार के चुनाव में प्रदेश में बीजेपी का वोट शेयर दोहरे अंक में पहुंच सकता है. हालांकि इसके बाद भी यहां बीजेपी का खाता खुले इसकी संभावना बहुत मुश्किल है. वैसे तमिलनाडु, एक ऐसा राज्य है जहां पीएम मोदी और बीजेपी ने हाल के वर्षों में तेजी से ध्यान केंद्रित किया है. यही वजह है कि बीजेपी को वोटों के मामले में फायदा देखने को मिल सकता है.
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तमिलनाडु के एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने पीके के बीजेपी के लिए दोहरे अंकों के वोट शेयर के विश्लेषण से सहमति जताई, लेकिन उन्हें सीटों के मामले में नजप को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. चेन्नई के एक चुनावी रणनीतिकार बताते है कि, 'अंकगणित के लिहाज से प्रदेश में DMK गठबंधन का INDIA ब्लॉक बहुत मजबूत है और उसके प्रदेश की 39 लोकसभा सीटों में से अधिकांश सीटें जीतने की संभावना है. एक और विश्लेषक ए एस पन्नीरसेल्वन ने बताया कि, उन्हें तमिलनाडु में सीटों के मामले में बीजेपी को कोई फायदा नहीं दिख रहा है. पन्नीरसेल्वन कहते हैं कि, 'भाजपा ने वास्तव में तमिलनाडु में कोई बढ़त नहीं बनाई है.'
क्या तेलंगाना में बीजेपी को मिलेगा फायदा?
तेलंगाना को लेकर प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी है कि, तेलंगाना में इस बार बीजेपी पहली या दूसरे नंबर की पार्टी होगी. वैसे यह बिल्कुल भी आश्चर्यजनक भविष्यवाणी नहीं है. क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी तेलंगाना में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी. उसे चार सीटें मिली थीं और वह भारत राष्ट्र समिति (BRS) से पीछे थी जिसे नौ सीटें मिली थीं. कांग्रेस तीन सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही.
असली सवाल यह है कि, क्या बीजेपी तेलंगाना में आगे बढ़ पाएगी, जहां अब कांग्रेस की सरकार है?
तेलंगाना की राजनीति पर नजर रखने वाले कुछ विशेषज्ञ तेलंगाना में बीजेपी के वोट शेयर में बढ़ोतरी होते देख रहे हैं और इसका असर उसकी सीटों की संख्या में बढ़ोतरी के रूप में दिख रहा है. वहीं अन्य लोग इस बात से असहमत है, उनका कहना है कि, तेलंगाना में 'मोदी फैक्टर' काम नहीं करेगा और ऋण माफी जैसे स्थानीय मुद्दे मतदाताओं के बीच जोर पकड़ रहे है.
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर नागेश्वर राव का कहना हैं कि, 2019 के लोकसभा चुनावों में BRS और कांग्रेस दोनों की आलोचना से बीजेपी को चार सीटें हासिल करने में अप्रत्याशित रूप से फायदा हुआ. इस बार का चुनाव कम से कम तेलंगाना में मोदी के इर्द-गिर्द घूमता नहीं दिख रहा है. हालांकि उन्होंने कहा कि, तेलंगाना में नतीजे इस बात पर निर्भर करेंगे कि चुनाव में कौन सी पार्टी दूसरों की कीमत पर बढ़त हासिल करती है. विशेषज्ञ कहते हैं कि, बीजेपी बढ़ेगी लेकिन लाभ बहुत बड़ा नहीं होगा.
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