क्या भारत का संविधान बदलना चाहती है सरकार? इस सवाल का अब PM मोदी ने दिया जवाब

अभिषेक

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PM Narendra Modi
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PM Modi Interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को इंटरव्यू दिया है. इंटरव्यू में उन्होंने लोकतंत्र पर कथित संकट, संविधान को बदलने की कोशिश के आरोप, अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू से जुड़े विवादों समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है.

आइए आपको इस विस्तृत इंटरव्यू के खास पहलुओं के बारे में बताते हैं.

क्या विरोधियों पर गलत तरीके से कार्रवाई कर रही सरकार?

इंटरव्यू में पीएम मोदी से पूछा गया कि आपकी सरकार पर ये सवाल उठता है कि अपने विरोधियों और आलोचकों पर आप गलत तरीके से कार्रवाई करते हैं? पीएम मोदी हंसते हुए जवाब देते हैं, ‘एक पूरा इको सिस्टम है जो संपादकीय, टीवी चैनलों, सोशल मीडिया, वीडियो, ट्वीट आदि के माध्यम से हर रोज हमारे ऊपर ये आरोप लगाने के लिए संविधान से मिली स्वतंत्रता का उपयोग कर रहा है. उन्हें ऐसा करने का अधिकार है, लेकिन दूसरों को भी तथ्यों के साथ जवाब देने का समान अधिकार है.’ पीएम मोदी आगे कहते हैं कि, ‘एक लंबा इतिहास है बाहरी लोगों का, जिन्होंने भारत को कमतर आंका है. 1947 में जब देश आजाद हुआ था तब अंग्रेजों ने भारत के विषय में बहुत ही भयानक भविष्यवाणियां की थी लेकिन हमने देखा वे सब सभी झूठी साबित हुईं. आज भी जो लोग इस तरह की धारणायें रखते है और हमारी सरकार पर संदेह करते हैं, वे भी गलत साबित होंगे.’

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क्या मोदी सरकार संविधान बदल देगी?

सवाल: आपके विरोधी ये सवाल उठाते हैं कि वर्तमान में संविधान खतरे में है और वे बार-बार आपके ऊपर ये आरोप लगाते हैं कि मोदी सरकार संविधान को बदल देगी?

पीएम मोदी: हमारे आलोचक अपनी राय व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं. हालांकि ऐसे आरोपों के साथ एक बुनियादी मुद्दा है, जो अक्सर आलोचना के रूप में सामने आता है. वे भारतीय लोकतंत्र की सलामती की चिंताओं के बारे में कहते हैं. ये न केवल भारतीय लोगों की बुद्धिमत्ता का अपमान है बल्कि विविधता और लोकतंत्र जैसे मूल्यों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को भी कमतर आंकना हैं. ये बात बिल्कुल निरर्थक है की संविधान को बदल देंगे. सरकार ने स्वच्छ भारत, राष्ट्रव्यापी शौचालय निर्माण अभियान से लेकर डिजिटलीकरण जैसे परिवर्तनकारी कदम बिना संविधान में संशोधन किये ही लागू करा लिया जो जनभागीदारी से संभव हो सका. यह जरूरी नहीं कि हर चीज में संशोधन ही किया जाए लेकिन जहां जरूरत होगी वहां तो हमारी मजबूरी होगी.

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क्या मुस्लिम विरोधी है सरकार?

इंटरव्यू में पीएम मोदी से सवाल हुआ कि पार्टी के आलोचकों का कहना है कि बीजेपी शासन के तहत मुस्लिम विरोधी घृणास्पद भाषणों का प्रसार हुआ है और वर्तमान में पार्टी के अंदर कोई भी मुस्लिम सांसद या वरिष्ठ मंत्री नहीं है. भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों का क्या भविष्य है? पीएम मोदी ने इसपर सीधा जवाब देने की बजाय भारत में रह रहे पारसियों की आर्थिक सफलता की ओर इशारा किया, जिनकी वे ‘भारत में रहने वाले धार्मिक सूक्ष्म-अल्पसंख्यक’ के रूप में व्याख्या करते हैं. पीएम आगे कहते हैं, ‘दुनिया में अन्य जगहों पर उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद उन्हें भारत में एक सुरक्षित आश्रय मिला है. वे खुशी से और समृद्ध होकर रह रहे हैं.’ एक तरह से पीएम ने ये इशारा किया कि देश में किसी भी धार्मिक अल्पसंख्यक के प्रति भेदभाव की कोई भावना नहीं है.

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कानून के प्रति प्रतिबद्ध है भारत: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस इंटरव्यू में अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, ‘अगर कोई हमें किसी तरह की जानकारी देगा तो हम उसपर जरूर ध्यान देंगे. अगर हमारे किसी नागरिक ने उसमें कुछ किया है या शामिल है तो हम उसे जरूर नोटिस करेंगे. कानून के प्रति हमारी पूरी प्रतिबद्धता है.’ उन्होंने कहा कि देश से बाहर अलगाववादी संगठनों की गतिविधियों पर वे बेहद चिंतित हैं. आपको बता दें कि पन्नू ‘सिख फॉर जस्टिस’ अलगाववादी संगठन का प्रमुख है और भारत में उसे आतंकवादी संगठन घोषित किया जा चुका है. पिछले दिनों अमेरिका में उसकी कथित हत्या की कोशिश नाकाम होने खबर थी जिसमे किसी भारतीय नागरिक के शामिल होने की बात कही गई थी.

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