Shimla Masjid Case: शिमला की संजौली मस्जिद को लेकर क्यों बरपा है हंगामा? इस विवाद की पूरी कहानी समझिए

शुभम गुप्ता

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Shimla Sanjauli Masjid Case: हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित संजौली मस्जिद को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद के निर्माण को अवैध बताते हुए सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह पांच मंजिला मस्जिद अवैध रूप से बनाई गई है. स्थिति को काबू में लेने के लिए इलाके में धारा 163 लागू कर दी गई है, लेकिन इसके बावजूद हजारों लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा.

मामले को बिगड़ता देख पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते हुए पूरे क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा तैनात कर दी है. मस्जिद के बाहर पहरा बढ़ा दिया गया है. इस विवाद में राजनीति भी देखने को मिल रही है. इस मामले को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल सरकार पर तीखा हमला बोला है. लेकिन लोग क्यों इस मस्जिद का विरोध कर रहे हैं और क्या है पूरा मामला जानते हैं.

क्या है पूरा मामला?

संजौली मस्जिद को लेकर चल रहे इस विवाद की शुरुआत एक लड़ाई से हुई थी. शिमला के मल्याणा इलाके में 37 साल के विक्रम सिंह के साथ करीब 6 लोगों ने मारपीट की थी, जिसके बाद विक्रम ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. विक्रम का आरोप है कि मारपीट करने वाले आरोपी मस्जिद में छिप गए थे. 

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इस घटना के बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और इसे अवैध बताकर गिराने की मांग की. पुलिस ने विक्रम सिंह के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो नाबालिग समेत चार अन्य शामिल हैं. आरोपियों की लिस्ट में दो नाबालिग समेत चार अन्य शामिल हैं जिसमें-गुलनवाज (32 साल), सारिक (20 साल), सैफ अली (23 साल), रोहित ( 23 साल) नाम के शख्स हैं.

प्रदर्शनकारियों का क्या कहना है?

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे संजौली चौक तक शांतिपूर्ण तरीके से जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया, जो कि निंदनीय है. हालांकि, प्रशासन ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अवैध निर्माण के खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे.

हिमाचल सरकार क्या बोली?

मामले को बढ़ता देख हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा है कि यह अवैध निर्माण का मुद्दा है और इसे मस्जिद विवाद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. वहीं राज्य सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार सभी के पास है लेकिन किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं होना चाहिए की प्रदेश की शांति भंग हो. हम क्षेत्र में लॉ एंड ऑर्डर नहीं बिगड़ने दे सकते. पूरा मामला कोर्ट की निगरानी में है. अगर वो मस्जिद अवैध होता है तो निश्चित कार्रवाई होगी. और उसे ढहाया जाएगा.

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