बांग्लादेश में हिंदू हो रहे हिंसा का शिकार, देश में है कितनी है हिन्दू आबादी? कितनों ने किया पलायन? जानिए
Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में नई सरकार के गठन के बाद भी देश के अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक हिंसा का सबसे ज्यादा शिकार वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू हो रहे हैं.
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Hindus in Bangladesh: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हाल ही में तख्तापलट हो गया. देश के युवाओं में प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ इतनी नाराजगी बढ़ी की उन्होंने उनके घर पर धावा बोल दिया तब उन्होंने आनन-फानन में देश छोड़ दिया. नेतृत्व विहीन होने के बाद देश में अराजकता फैल गई हालांकि सेना ने काफी हद तक कंट्रोल किया. फिलहाल शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए है. और सेना के संरक्षण में नोबेल पदक विजेता मुहम्मद यूनुस ने PM पद की शपथ ले ली है.
बांग्लादेश में नई सरकार के गठन के बाद भी देश के अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक हिंसा का सबसे ज्यादा शिकार वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू हो रहे हैं. मंदिरों को जलाया जा रहा है, घरों को लूटा जा रहा है और लोगों की जान ली जा रही है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के विरोध में अमेरिका में प्रदर्शन हो रहा है. ऐसे में सबसे प्रमुख सवाल ये है कि आखिर बांग्लादेश में हिंदुओं की कुल कितनी आबादी है और 1971 के बाद से कितने हिंदू वहां से पलायन कर चुके हैं. आइए हम आपको बताते हैं.
बांग्लादेश में करीब 8 फीसदी है हिंदू
बांग्लादेश में हिंदुओं की कुल आबादी करीब 7.97 फीसदी है. आबादी के लिहाज से देखें तो बांग्लादेश की कुल आबादी 17 करोड़ के करीब है. यानी हिंदुओं की आबादी करीब 1.35 करोड़ है. लेकिन कई इलाके ऐसे हैं जहां हिंदुओं की आबादी 10 फीसदी से ज्यादा है जबकि करीब 4 जिलो में हिंदुओं की आबादी करीब 20 फीसदी बताई जाती है.
हिंदू लगातार हो रहे हमले का शिकार
पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति काफी खराब हुई है. जानकारी के अनुसार, 1951 में इस देश में हिंदुओं की आबादी करीब 22 फीसदी थी. उसके बाद से हिंदुओं की आबादी में लगातार गिरावट आती गई. जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों ने हिंदुओं पर जमकर अत्याचार किया है. हिंदुओं को आर्थिक और धार्मिक स्तर पर परेशान किया गया है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन को मजबूर हुए.
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लंबे समय से हो रहा पलायन
कुछ रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अगले तीन दशकों में बांग्लादेश में हिंदुओं का वजूद समाप्त हो जाएगा. 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर वजूद में आए बांग्लादेश ने 4 नवंबर 1972 को अपनाए गए संविधान में खुद को एक धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक देश घोषित किया था. लेकिन वो ज्यादा समय तक धर्म निरपेक्ष नहीं रहा और 7 जून, 1988 को उसने संविधान में बदलाव कर खुद को इस्लामी राष्ट्र घोषित कर दिया.
भारत में कितने बांग्लादेशी शरणार्थी
1971 में बांग्लादेश के वजूद में आने से पहले वहां भयानक हिंसा चल रही थी तो लाखों की संख्या में बांग्लादेशी लोग शरण की तलाश में भारत पहुंचे थे. तब से भारत में बांग्लादेशी शरणार्थियों को लेकर अलग-अलग दावे हैं. 2004 में यूपीए सरकार ने बताया था कि भारत में करीब 12 लाख अवैध बांग्लादेशी प्रवासी रह रहे हैं. लेकिन 2016 में इस संख्या को करीब 20 लाख बताया गया. जबकि 2018 में गृहमंत्री अमित शाह ने ये आंकड़ा 40 लाख के करीब बताया.
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आज एक बार फिर बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है. हजारों की संख्या में बांग्लादेशी लोग भारत की सीमा पर खड़े हैं. लेकिन उन्हें भारत में दाखिल नहीं होने दिया जा रहा है. अब देखना ये होगा कि, क्या भारत सरकार उन्हें लेकर कोई ऐलान करती है.
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