यूपी बीजेपी पर लगे भीतरघात के आरोप? हारे और जीते उम्मीदवार के गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला
हार के बाद यूपी में भीतर ही भीतर, भीतरघात से उबल रही है बीजेपी- भितरघात-गद्दार जैसे शब्द बाहर आ रहे हैं, पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं की रिपोर्ट संगठन तक पहुंचने लगी है
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BJP Uttar Pradesh: देश की 543 लोकसभा सीटों को लेकर नतीजे सामने आ गए हैं. नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं. खासतौर पर यूपी की 80 सीटों पर आए हुए नतीजे. 80 की 80 सीटों पर जीत का दावा ठोंकने वाली यूपी आधी सीटें भी नहीं जीत सकी है. यूपी में खराब प्रदर्शन को लेकर बीजेपी के हारे हुए कैंडिडेट की ओर से आवाज उठनी शुरू हो गई है. यूपी लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी तक के ब्यूरो हेड कुमार अभिषेक ने विश्लेषण किया है. लोकसभा चुनाव 2024 में खराब प्रदर्शन के लिए आस्तीन के 'सांप और गद्दार' जैसे शब्दों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. ज्यादातर मंत्री चुनाव हार गए जो जीते वह भी बड़ी मुश्किल से जीत पाए ऐसे में सबने अब पार्टी के भीतर के नेताओं पर ही ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया है.
बीजेपी में किसपर लग रहे भीतरघात के आरोप
उन्नाव से साक्षी महाराज हालांकि लगातार तीसरी बार जीते हैं लेकिन उनका अंतर काफी कम हो गया है और उन्होंने इसके लिए पार्टी के भीतर के कुछ 'गद्दार' और 'आस्तीन के सांप' को जिम्मेदार ठहराया है.
वहीं,फतेहपुर से चुनाव हारीं केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति ने भी पार्टी के भीतर के कुछ लोगों के द्वारा भीतरघात करने का आरोप लगाया है. उन्होंने भीतरघात को अपनी हार का जिम्मेदार बताया है.
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सूत्रों की माने तो मिर्जापुर में अनुप्रिया पटेल के नजदीकी लोगों का भी मानना है कि बीजेपी के कई नेता ऊपर से तो साथ दिखे लेकिन अंदर ही अंदर हराने में अपनी ताकत लगाते रहे. वहीं जौनपुर से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे कृपाशंकर सिंह ने कहा कि हार से निराश नहीं है लेकिन वह अपने हार की वजह शीर्ष नेताओं को बताएंगे.
हालांकि, सहारनपुर से दूसरी बार चुनाव हारे राघव लखनपाल का मानना है कि 400 पर के नारे का उल्टा असर पड़ा और दलितों ने भाजपा के खिलाफ वोट दिया है. उनका कहना है कि वे हार की समीक्षा करेंगे.
कुछ इसी तरह की रिपोर्ट जीते और हारे उम्मीदवारों की मुख्यालय में पहुंचने लगी है. बीजेपी के कुछ उम्मीदवारों ने नेताओं की लंबी चौड़ी फेहरिस्त अपने-अपने लोकसभा की भेजी है जिसमें पार्टी के लिए भीतरघात करने वाले छोटे से बड़े नेताओं के नाम हैं.
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लोकसभा चुनाव में हार की वजह बेशक कई नेता पार्टी के भीतरघात को ठहरा रहे हो लेकिन यह भी सच है कि बीजेपी का एक बड़ा वोट वर्ग इस बार बीजेपी से निकल गया है. ओबीसी में बीजेपी का वोट वर्ग माने जाने वाली कुशवाहा, कुर्मी, मौर्य, शाक्य इन बिरादरियों में बड़ी सेंध लगी और दलित बिरादरी का बड़ा हिस्सा चुपचाप बीजेपी के खिलाफ 'इंडिया एलाइंस' को वोट कर गया.
यूपी में बीजेपी को तगड़ा नुकसान
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को करारा झटका लगा है. खासतौर पर यूपी में. बीजेपी जहां राज्य की 80 सीटों पर जीत का दावा ठोक रही थी, वहीं नतीजे उनकी सोच के विपरीत आए हैं. बीजेपी इस बार के चुनाव में केवल 33 सीटें ही जीत सकी है. समाजवादी पार्टी इस बार काफी अच्छा प्रदर्शन करती नजर आई है. सपा ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस को 6 सीट, रालोद को 2, आजाद समाज पार्टी और अपना दल एस 1-1 सीट जीती हैं. मायावती की बसपा अपना खाता भी नहीं खोल सकी है.
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2019 चुनाव में बीजेपी ने 62सीटें जीती थी. इस बार उन्हें 29 सीटों का नुकसान हुआ है. वहीं, सपा को पिछली बार के मुकाबले 32 सीटें ज्यादा मिली हैं.
रिपोर्ट - कुमार अभिषेक
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