महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म करने के एथिक्स कमेटी के प्रस्ताव के बाद अब आगे क्या?

देवराज गौर

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महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंप दी है. अब लोकसभा में वोटिंग होने के बाद तय होगा कि महुआ की सांसदी रहेगी या जाएगी.
महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंप दी है. अब लोकसभा में वोटिंग होने के बाद तय होगा कि महुआ की सांसदी रहेगी या जाएगी.
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Mahua Moitra Cash for Query Case: कैश फॉर क्वेरी केस यानी पैसे लेकर सवाल पूछे के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है. अब एथिक्स कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंपेगी. एथिक्स कमेटी में महुआ के खिलाफ 6 सदस्यों ने तो 4 ने उनके पक्ष में वोट  किया था.

महुआ के खिलाफ अब आगे क्या?

लोकसभा में एथिक्स कमेटी कानून के बारे में साल 2015 में रूल्स ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के चैप्टर 20 में बताया गया है. इसमें नियम 316 E बताता है कि सदन एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर कैसे फैसला करेगी. रूल्स ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस, चैप्टर 20 के नियम 316 एफ के मुताबिक सदन में बहस पर प्रश्नों के निपटान के बाद एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लोकसभा की कार्य सूची में डाल दिया जाएगा.

नियम के मुताबिक कमेटी अपनी सिफारिशों को लोकसभा स्पीकर को सौंपेगी. लोकसभा स्पीकर रिपोर्ट को आगामी संसद सत्र में सदन के पटल पर रखेंगे. फिर इस पर बहस होगी. लोकसभा स्पीकर प्रस्ताव पर सिर्फ आधे घंटे बहस की ही अनुमति दे सकते हैं. इसके बाद हाउस की वोटिंग होगी. इस वोटिंग के आधार पर तय होगा कि महुआ को लोकसभा से निष्कासित किया जाए या नहीं.

सदन के सदस्यों ने अगर प्रस्ताव को बहुमत से पास कर दिया तो क्या होगा? इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में लोकसभा के पूर्व जनरल सेक्रेटरी पीडीटी आचारी बताते हैं कि ऐसे में सांसद की सदस्यता खत्म कर दी जाएगी. एथिक्स कमेटी करीब दो दशक पहले अस्तित्व में आई थी. लेकिन यह काफी हद तक हल्की प्रकृति की रही है. इससे पहले गंभीर मामलों की सुनवाई विशेषाधिकार समिति या फिर सदन द्वारा गठित की गई विशेष समिति ने की हैं.

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क्या है पूरा मामला?

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ के खिलाफ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को एक पत्र लिखा था. पत्र में आरोप था कि महुआ ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर गौतम अडानी के खिलाफ संसद में सवाल पूछे. महुआ ने हीरानंदानी को संसद की लॉगइन आईडी और पासवर्ड भी दिया, जो सदन के नियमों के खिलाफ है. एथिक्स कमेटी के सामने महुआ भी पेश हुई थीं और उन्हें दोषी माना गया.

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