'ऐसा करने को मजबूर हो गया', कहकर कांग्रेस के EX-MLA ने काटी नस, सुसाइड नोट में बताया संपत्ति के वारिस का नाम

Bhilwara: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से विधायक रहे विवेक धाकड़ ने गुरुवार सुबह अपने हाथ की नसें काटकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पहले विवेक ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है.

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Bhilwara: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से विधायक रहे विवेक धाकड़ ने गुरुवार सुबह अपने हाथ की नसें काटकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पहले विवेक ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है. पूर्व विधायक विवेक धाकड़ के पिता इंजीनियर कन्हैयालाल धाकड़ भी भीलवाड़ा जिला परिषद के जिला प्रमुख रह चुके हैं. विवेक की पत्नी सरकारी सेवा में है और उनके एक बेटी हैं.

सुभाष नगर थाना अधिकारी इंस्पेक्टर शिवराज गुर्जर ने बताया कि पूर्व विधायक विवेक धाकड़ ने सुसाइड कर लिया और उनका शव हॉस्पिटल मोर्चरी में रखा हुआ है. इस सूचना पर हम अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने आत्महत्या की थी हम जब उनके घर गए जिस कमरे में उन्होंने सुसाइड किया उसकी तलाश में एक सुसाइड नोट मिला है सुसाइड नोट में जो तथ्य थे उसके हम विस्तृत जांच करेंगे प्रथम दृष्टि ग्रह कलेश का मामला ही लगता है आत्महत्या के लिए उन्होंने ब्लड से अपने दोनों हाथों के नशे काट ली थी और इससे पूर्व फांसी लगाने का प्रयास भी किया था.

सुसाइड नोट में लिखी ये बातें

पूर्व विधायक विवेक धाकड़ ने अपने सुसाइड नोट में दिल से पापा, दीदी, अपनी बेटी शेफाली एवं समस्त सहयोगी समर्थकों से माफी मांगते हुए अपने अंगदान करने की इच्छा जताई है. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा “कि मैं नहीं कहता कि मैं दूसरों से बेहतर सेवा करने का भाव का अंश पाले हूं मेरी स्थिति का कारण वे लोग हैं जिन्होंने मेरे इस दिल के भाव का उपभोग शोषण की दृष्टि से जानते हुए किया है उन सभी का धन्यवाद एवं आभार में उन सभी को कोई सांसारिक न्यायिक सजा नहीं दिलवाना चाहता हूं “

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संपत्ति का हकदार पिता को बताया

पूर्व विधायक विवेक धाकड़ ने अपने सुसाइड नोट में अपनी सारी संपत्ति का हक़दार भी अपने पिता को ही बताया है. उन्होंने अपने सहयोगियों समर्थकों, मित्रों से दिल से माफी भी मांगी है और यह लिखा है  “अथक प्रयासों के बाद भी मैं अपने आप और आपकी शुभकामनाएं के बावजूद ऐसा करने को मजबूर हो गया. मैं चाहता हूं कि मेरा शोषण एवं कष्ट देने वाले मुझे लकड़ी और संवेदना नहीं देवे, मेरी कोई स्मृति शेष न रखें. दुआ करें यदि अगला जन्म हो तो बहुत अच्छा होवे या मोक्ष को प्राप्त होकर मुक्त हो जाऊं"
 

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