Rajasthan में कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की डेट हुई घोषित, जानें पूरी डिटेल
Date of first list of Rajasthan Congress candidates released: राजस्थान (rajasthan election) में चुनाव में कौन जीतेगा और कौन हारेगा से ज्यादा चर्चा फिलहाल किसको मिल रहा टिकट पर है. बीजेपी की लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस पार्टी में हलचल काफी तेज है. एमपी, छत्तीसगढ़, तेलंगाना के अलावा मिजोरम में कांग्रेस की पहली लिस्ट […]
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Date of first list of Rajasthan Congress candidates released: राजस्थान (rajasthan election) में चुनाव में कौन जीतेगा और कौन हारेगा से ज्यादा चर्चा फिलहाल किसको मिल रहा टिकट पर है. बीजेपी की लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस पार्टी में हलचल काफी तेज है. एमपी, छत्तीसगढ़, तेलंगाना के अलावा मिजोरम में कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी हो गई है. अब राजस्थान की बारी है.
इधर राजस्थान दौरे पर आए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि 18 अक्टूबर को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होगी.
रंधावा ने कहा- काफी सीटें निकाल देंगे
इधर ANI को दिए बयान में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि 18 को सीईसी की दिल्ली में मीटिंग है. आशा है कि हम काफी सीटें निकाल देंगे. हम चेहरे पहले नहीं बता पाएंगे. जो जितने की क्षमता को प्रायोरिटी दी गई है. बैकग्राउंड वगैरह पर चर्चा करके लिस्ट फाइनल की जा रही है.
राजस्थान में क्यों हो रही इतनी देर?
सभी चुनावी प्रदेशों में कांग्रेस ने पहली लिस्ट के जरिए कहीं कमजोर तो कहीं मजबूत सीटों पर अपने पत्ते खोल दिए हैं. सवाल ये है कि राजस्थान में कब लिस्ट जारी होगी. इधर लिस्ट जारी होने से पहले ही पार्टी में सुगबुगाहट काफी बढ़ गई है. बीजेपी में पहली लिस्ट के बाद बगावत और विरोध के माहौल को देखते हुए कांग्रेस कई लेयर पर सीटों पर मंथन कर रही है.
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कई दौर के सर्वे और जिलों के पैनल से मिली रिपोर्ट
कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवारों को लेकर कई दौरे के सर्वे कराए. जिलों के पैनल से भी फीडबैक लिया. महीने भर की एक्सरसाइज के बाद शुक्रवार को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में प्रदेश स्थर पर चर्चा के बाद पूरी एक्सरसाइज को दिल्ली शिफ्ट कर दिया गया है. अब दिल्ली में 18 को सीईसी की बैठक में लिस्ट फाइनल होगी. संभावना है कि 18 को शाम तक लिस्ट जारी हो सकती है.
सीएम गहलोत के अपने पक्ष
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत समेत सभी कद्दावर अपने चहेतों को टिकट दिलाने के लिए पैरवी कर रहे हैं. गहलोत चाहते हैं कि उन विधायकों को टिकट जरूर मिले जिन्होंने उनकी सरकार बचाई थी. उनके इसी भावना को ध्यान में रखकर 12 से ज्यादा निर्दलीय भी कांग्रेस के बैनर तले टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं जिन्होंने सरकार का साथ दिया था. खास बात ये है कि इनमें 10 से ज्यदा तो कांग्रेस में पहले भी रह चुके हैं. इधर पायलट उनको टिकट दिलाने के फेवर में हैं जिन्होंने उनका साथ आखिरी तक नहीं छोड़ा.
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गठबंधन पर पायलट और गहलोत के रुख अलग
एक तरफ सचिन पायलट जहां गठबंधन के खिलाफ हैं और कह भी चुके हैं कि प्रदेश में कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ेगी वहीं कहीं न कहीं गहलोत इसके पक्ष में नजर आ रहे हैं. वजह है 2018 में आरएलडी के टिकट से भरतपुर से जीतने वाले प्रत्याशी ने गहलोत का साथ दिया और वे सरकार में मंत्री भी हैं. ध्यान देने वाली बात है कि वर्ष 2018 के चुनाव में पार्टी ने सहयोगी पार्टियों के लिए 5 सीटें छोड़ी थीं.
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