Fact Check: बालकनाथ को हराने के लिए षड्यंत्र, एक पत्र के वायरल होने से खुली असपा-कांग्रेस प्रत्याशी की पोल?
Fact Check: तिजारा विधानसभा (Tijara Assembly) सीट से आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी उदमीराम (Udmiram Poswal) का एक पत्र सामने आया है.
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Rajasthan Election: अलवर की तिजारा विधानसभा (Tijara Assembly) सीट से आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी उदमीराम (Udmiram Poswal) का एक पत्र सामने आया है. जिसमें उदमीराम ने इमरान खान (Imran Khan) को टिकट देने के लिए पैरवी की है. जब इस लेटर का फैक्ट चेक (Fact Check) किया गया. तो जांच में यह सही पाया गया. उदमीराम ने कहा कि उनके हस्ताक्षर पर मोहर सही है. उस समय तक उनका चुनाव लड़ने का मन नहीं था. लेकिन बाद में उनका चुनाव लड़ने का मन हुआ और उन्होंने नामांकन पत्र भरा. ऐसे में यह सवाल उठता है की इमरान खान और उदमीराम क्या एक है.
अलवर की तिजारा विधानसभा सीट राजस्थान की हॉट सीटों में से एक है. भाजपा ने बाबा बालक नाथ को अपना प्रत्याशी बनाया है. तो कांग्रेस ने इमरान खान को टिकट दिया है. इस सीट पर हिंदू मुस्लिम का चुनाव हो रहा है. यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इस सीट पर 2 लाख 60 हजार वोटर हैं. इस सीट पर करीब 98 हजार मुस्लिम वोटर है. वहीं 55 हजार एससी वोटर हैं. इसके अलावा करीब 40 हजार यादव, 20 हजार गुर्जर, 10 हजार माली, 7 हजार ब्राह्मण और 8 हजार वैश्य सहित अन्य मतदाता हैं. मुस्लिम प्रत्याशी केवल इमरान खान है. जबकि हिंदू प्रत्याशी बाबा बालक नाथ व उदमीराम है.
एक पत्र आया सामने
आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी उदमीराम का एक पत्र सामने आया है. जिसमें उन्होंने अपनी मोहर लगाकर हस्ताक्षर किए हैं. उसे पत्र में लिखा है कि हम कांग्रेस प्रत्याशी प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान से गुजारिश करते हैं कि इमरान खान को तिजारा से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाए जाए. ताकि हम तिजारा की सीट को कांग्रेस की झोली में डाल सके व प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनने में मदद कर सके. उदमीराम के अलावा करीब 28 अन्य सरपंचों के इस पत्र पर हस्ताक्षर है.
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इस पत्र का किया गया फैक्ट चेक
इस पत्र का जब फैक्ट चेक किया गया. तो वो सही पाया गया. इस संबंध में उदमीराम से जब फोन पर बात की गई. तो उदमीराम ने कहा कि उन्होंने इमरान खान सहित 10 प्रत्याशियों को इस तरह के पत्र पर हस्ताक्षर करके व मोहर लगा कर दिए हैं. जिस समय उन्होंने यह पत्र दिया. उस समय उनका चुनाव लड़ने का मन नहीं था. लेकिन बाद में उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया. वो किसी के सपोर्ट में नहीं है. वो खुद के लिए वोट मांग रहे हैं और मजबूती से चुनाव में डटे हुए हैं. लेकिन उदमीराम बाबा बालक नाथ को सीधा नुकसान पहुंचाने नजर आ रहे हैं. क्योंकि इमरान खान के सामने कोई मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है. जो मुस्लिम वोटों को काटता हुआ नजर आए. जबकि उदमीराम हिंदू वोटरों में सेंध लगा रहे हैं. उदमीराम गुर्जर समुदाय से आते हैं. गुर्जर और एससी वोट उदमीराम को मिल रहे हैं. ऐसे में सभी की जहन में यह सवाल उठ रहा है कि इमरान खान और उदमीराम कहीं एक तो नहीं. हालांकि वायरल हो रहा पत्र पुराना है और असपा और कांग्रेस प्रत्याशी के एक होने की जानकारी सही नहीं है.
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