Jaipur: BSF में सिलेक्शन के बाद युवक की नहीं हुई ज्वॉइनिंग, कर्ज का बोझ उतारने के लिए खौंफनाक वारदात को दिया अंजाम

विशाल शर्मा

राजस्थान के जयपुर में एक युवक बीएसएफ में सिलेक्शन के बाद ज्वॉइनिंग नहीं हुई, फिर मौज-मस्ती और अय्याशी के चलते जब कर्ज बढ़ गया तो अपने दोस्त के साथ मिलकर खौफनाक वारदात की साजिश रची.

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राजस्थान के जयपुर में एक युवक बीएसएफ में सिलेक्शन के बाद ज्वॉइनिंग नहीं हुई, फिर मौज-मस्ती और अय्याशी के चलते जब कर्ज बढ़ गया तो अपने दोस्त के साथ मिलकर खौफनाक वारदात की साजिश रची. अब दोनों आरोपी जेल में हैं. यह मामला है 20 अगस्त का. जब दोनों आरोपियों ने एक मासूम का अपहरण कर लिया. वारदात को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड सचिन मीणा बच्चे के पिता का दोस्त था. जिसका काफी समय से घर पर आना जाना लगा था.

सचिन का कुछ समय पहले ही BSF में चयन हुआ, लेकिन उसकी ज्वॉइनिंग नहीं हुई. जिसके बाद कर्ज उतारने के लिए बच्चे के अपहरण की साजिश रची. उसकी ख्वाहिश थी कि 7 बहनों के इकलौतें भाई का अपहरण कर वो मुंह मांगी रकम वसूल लेगा लेकिन अब सलाखों के पीछे अपने किए पर पछता रहा है.

 

 

कीचड़ में फंस गई कार और आरोपियों की योजना फेल

घटना सांगानेर सदर इलाके के फतेहपुर की है, 20 अगस्त को शाम करीब 4.30 बजे 12 साल का दिलकुश घर के बाद साईकिल चला रहा था, तभी कार में आए इन दोनों बदमाशों ने बच्चे का अपहरण कर लिया. इस दौरान वहां खेल रहे दूसरे बच्चे चिल्लाने लगे तो परिजनों को भनक लगी. उन्होंने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम में इसकी सूचना दी तो आसपास के इलाकों में पुलिस ने नाकाबंदी कर दी. इसी दौरान शिवदासपुरा इलाके में एक कार कीचड़ में फंस कार पलट गई, जिसमें सवार दो संदिग्ध युवकों पर पुलिस की नजर पड़ी. सख्ती से पुलिस ने पूछताछ की तो बदमाशों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

इसके बाद पुलिस ने बिना देर किए बदमाशों की निशानदेही पर देर रात बांसखो क्षेत्र में एक मकान पर दबिश दी. जहां एक काल कोठरी के अंदर बच्चे को बंधक बनाकर जमीन पर पटक रखा था. यही नहीं, मासूम के मुंह पर टेप लगाकर उसका मुंह बंद कर दिया गया था और दोनों हाथ-पैरों को रस्सी की मदद से बांधकर उसकी आंखों पर भी पट्टी बांध रखी थी. यह सब देख एकबारगी पुलिस भी हैरान रह गई, लेकिन बाद में पुलिस ने समय रहते बच्चें को सकुशल रेस्क्यू कर उसकी जान बचा ली.

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बदमाश बार-बार बदल रहे थे लोकेशन 

जयपुर साऊथ एडिशनल डीसीपी पारस जैन ने बताया कि गणवालों की ढाणी में बच्चें की अपहरण की सूचना मिलते ही डीसीपी के निर्देशन में टीम गठित कर इलाके में नाकाबंदी करवाई. इसी दौरान जांच पड़ताल में बदमाशों की मूवमेंट बस्सी इलाके में मिली तो स्थानीय थाने को इतला दी. हालांकि बदमाश अपनी स्विफ्ट कार से बार-बार लोकेशन बदल रहे थे, लेकिन आखिरकार वो दोनों पुलिस की गिरफ्त में आ गए. 

 

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