मानवेंद्र सिंह के बाद पूर्व मंत्री अमीन खान के बयान से कांग्रेस पार्टी में भूचाल! मनाने के लिए पहुंचे प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल
लोकसभा चुनाव से पहले दो बड़े नेताओं की नाराजगी ने कांग्रेस में खलबली मचा दी है.
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राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी में कलह अब बढ़ता ही जा रहा है. 22 मार्च को गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रहे मानवेंद्र सिंह जसोल ने बागी सुनील परिहार को कांग्रेस में शामिल करवाने को लेकर कांग्रेस आलाकमान पर सवाल खड़े कर दिए. वहीं अब पूर्व मंत्री अमीन खान ने कांग्रेस से बागी होकर अपने सामने चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष फतेह खान की कांग्रेस में घर वापसी पर कांग्रेस आलाकमान को सीधे नसीहत दे डाली है.
कांग्रेस नेता मानवेंद्र सिंह ने एक दिन पहले सोशल मीडिया पर बागी सुनील परिहार और फतेह खान का फोटो पोस्ट कर लिखा था कि "निष्कासन के बाद छः वर्ष की अवधि काफी जल्दी बीत गई." मानवेंद्र की इसी पोस्ट ने कांग्रेस आलाकमान पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है.
बागी को कांग्रेस जॉइन करवाने पर भड़के अमीन खान
मानवेंद्रसिंह के बाद पूर्व मंत्री अमीन खान ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि "राजस्थान के नवम्बर 2023 विधानसभा चुनावों में जिन लोगों ने कांग्रेस पार्टी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ पार्टी के उम्मीदवारों को हराने का काम किया. उनको पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. लेकिन, उन्हें हाल ही में तीन महीने के भीतर ही पार्टी में वापिस शामिल कर लिया है. इस फैसले से पार्टी के निष्ठावान, अनुशासन प्रिय व वफादार कार्यकर्ताओं के मन में भारी रोष है. साथ ही जो मुस्लिम कौम हमेशा से कांग्रेस पार्टी के साथ मजबूती से रहती आयी है उस कौम को भी छला जा रहा है व कमजोर किया जा रहा है. लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण में भी इस वर्ग को नजरअन्दाज किया गया है. पार्टी नेतृत्व से अर्ज है कि चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान ना हो इसलिए यह जरूरी है कि वक्त रहते उक्त मामले पर गौर कर तत्काल न्याय किया जावे."
मनाने के लिए पहुंचे प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल
लोकसभा चुनाव से पहले दो बड़े नेताओं की नाराजगी ने कांग्रेस में खलबली मचा दी है. बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से आने वाले कांग्रेस के पूर्व अमीन खान का अल्पसंख्यक मतदाताओं में बड़ा वर्चस्व है. दूसरी तरफ मारवाड़ की राजनीति में मानवेंद्र सिंह की लोगों में गहरी पैठ है.
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शनिवार को बाड़मेर -जैसलमेर लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल समेत कांग्रेसी नेता अमीन खान को मनाने के लिए उनके गांव पहुंच गए. कांग्रेस जनों ने अमीन खान को मनाने की कोशिश की. लेकिन, कहा जा रहा है कि अमीन खान पूर्व जिलाध्यक्ष फतेह खान के कांग्रेस में शामिल होने से आलाकमान से बेहद खफा हैं और मानने को तैयार नहीं हैं. क्योंकि विधानसभा चुनाव 2023 में फतेह खान के निर्दलीय चुनाव लड़ने से ही अमीन खान को हार का सामना करना पड़ा था और रविंद्रसिंह भाटी कांग्रेस में फूट के कारण निर्दलीय लड़कर भी चुनाव जीत गए थे.
अमीन खान नहीं माने तो कांग्रेस को होगा नुकसान
अल्पसंख्यक वोटर्स को कांग्रेस का मूल वोट बैंक माना जाता है. ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना हैं कि अमीन खान को कांग्रेस आलाकमान नहीं मना पाता है तो इसका खामियाजा बाड़मेर -जैसलमेर सीट पर कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है. ऐसे में दो बागियों को पार्टी में लाना कांग्रेस के लिए आफत बन गया है. एक तरफ मानवेंद्र तो दूसरी तरफ अमीन खान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर कांग्रेस आलाकमान को सोचने पर मजबूर कर दिया है. क्योंकि दोनों बड़े जनाधार वाले नेता माने जाते हैं.
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