Rajasthan: 18 साल पहले क्या था मनमोहन सिंह बयान जिसपर बांसवाड़ा में PM मोदी ने उठाए सवाल तो भड़की कांग्रेस
वर्ष 2006 में भी मनमोहन सिंह के इस बयान पर सवाल उठे थे. तब PMO ने स्पष्टीकरण जारी किया था. बासवाड़ा में पीएम मोदी के बयान के बाद ये भाषण फिर चर्चा में है.
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राजस्थान के बासवाड़ा की रैली पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर छत्तीसगढ़ के कांकेर में गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान ने नई चर्चा छेड़ दी है. इन बयानों पर कांग्रेस पार्टी उग्र हो गई है और उनकी तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है.
दरअसल पीएम मोदी ने बासवाड़ा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 18 साल पुराने बयान का जिक्र कर कहा- पहले उनकी सरकार थी तब कहा था- देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. मतलब देश की संपत्ति इकट्ठी कर किसको बांटेंगे...जिनके ज्यादा बच्चे होंगे उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा. ये मंजूर है. ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि मताओं-बहनों का सोने का हिसाब करेंगे. उसकी जड़ती करेंगे..जानकारी लेंगे. उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था...संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. ये अर्बन नक्सल की सोच...ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे. यहां तक जाएंगे.
अमित शाह ने कांकेर में भी यही बात दुहराई
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के कांकेर में बोलते हुए कहा- अभी-अभी कांग्रेस पार्टी को मिर्ची लगी है. मोदी जी ने उनके घोषणा पत्र में से सबकी संपत्ति का सर्वे करने को कहा है. कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी पर सवाल उठा रही है. मैं पूछना चाहता हूं कि आपके घोषणा पत्र में सर्वे की बात है या नहीं है. राहुल बाबा ये देश के नाम स्पष्ट करें. मनमोहन सिंह आपके प्रधानमंत्री ने कहा था कि संसाधन पर पहला अधिकार अल्पसंख्यक का है...आदिवासी दलित का नहीं. रेवेन्यू पर सबसे पहला अधिकार अल्पसंख्या का है. हम कहते हैं...संसाधन पर पहला अधिकार देश के गरीब का है. आदिवासी का है और पिछड़ा समाज का है.
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BJP ने सोशल मीडिया से मनमोहन सिंह का वीडियो भी किया शेयर
पूर्व PM मनमोहन सिंह का ये बयान फिर चर्चा में आ गया
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 2006 में ये बयान दिया था तब भी इसपर काफी चर्चा हुई थी और आरोप-प्रत्यारोप के तीर तरकशों से निकले थे. दरअसल मनमोहन सिंह ने 9 दिसंबर2006 को 11वीं पंचवर्षीय योजना और विकास पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की 52वीं बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा- 'मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं बहुत स्पष्ट हैं. कृषि, सिंचाई एवं जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम हमारी प्राथमिकताएं हैं. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए योजनाओं को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है. हमें ये सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिमों को विकास में समान भागीदारी मिले. संसाधनों पर पहला हक उन्हीं का होना चाहिए.'
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उस वक्त भी उठे सवाल तो PMO ने जारी किया स्पष्टीकरण
वर्ष 2006 में भी मनमोहन सिंह के इस बयान पर सवाल उठे थे. तब PMO ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा था कि पीएम ने अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण की बात की है, लेकिन इसे गलत संदर्भ में पेश किया गया है.
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सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो जारी कर दिया ये रिएक्शन
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पीएम मोदी के इन आरोपों पर सोशल मीडिया X पर वीडियो जारी कर कहा- आज आपने जो कहा है न....आपने मार्यादा की वो सीमा लांघी है जो पाप है. मंगलसूत्र पर आपने बोला है...आपकी हिम्मत कैसे हुई मंगलसूत्र पर बोलने की. आपने कहा कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में लिखा है कि आपका मंगलसूत्र भी लोगों में बांट देंगे. ऐसा कौन सा मेनिफेस्टो पढ़ रहे हैं जहां लिखा है कि आपकी संपत्ति बांट देंगे. आप इतने बेतुके झूठ....सुनिए ये पूरा वीडियो
यहां देखें पूर्व PM मनमोहन सिंह का पूरा बयान
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