गहलोत को हिन्दुओं का विरोधी बताकर शाह ने छेड़ दिया ‘हिन्दुत्व’ का मुद्दा, पब्लिक को होगा हजम ?

राजस्थान तक

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Describing Gehlot as an opponent of Hindus, Shah raised the issue of ‘Hindutva’, will the public be able to digest it?

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राजस्थान में चुनाव में होने में अब 6 महीने से भी कम का समय बचा है। जाहिर है समय कम है और अगर तैयारी दुरुस्त नहीं हुई तो मैदान हाथ से निकल सकता है। और भारतीय जनता पार्टी वो पार्टी है जो 24 घंटे चुनाव के मोड में रहती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस ऐलान से ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि इस बार बीजेपी के लिए राजस्थान कितना जरूरी है। बता दें कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने अपने संगठन में बड़ा बदलाव किया है। प्रदेश पदाधिकारियों की नई सूची जारी करते हुए 29 दिग्गजों की फौज बनाई है। 11 उपाध्यक्ष.. 5 महामंत्री और 10 प्रदेश मंत्री.. इसके अलावा एक कोषाध्यक्ष और एक सह-कोषाध्यक्ष को नियुक्त किया है। इस लिस्ट में जो नाम सबसे उपर है और जो सबको चौंका रहा है वो नाम है बाबा बालक नाथ का। जी हां.. और ये नाम सामने रख के बीजेपी ने बाबा बालकनाथ को यूंही आगे नहीं किया, बल्कि इसके पीछे बड़ा सियासी फायदा है। लोग कहने लगे हैं राजस्थान में चुनाव से पहले बीजेपी एक बार फिर हिन्दुत्व कार्ड खेलना चाहती है। एक तरफ मोदी और शाह, और दूसरी तरफ जोशी और बाबा बालकनाथ। हिन्दुत्व का मसाला लगातर बीजेपी राजस्थान में यूपी के योगी वाला फार्मूला लगाने की भी फुल तैयारी में है। और इस काम में शायद सतीश पूनिया पीछे रह रहे थे जिसका सिला उन्हें मिला। बाबा बालकनाथ और सीपी जोशी लगातार राजस्थान में हिन्दुओं पर अत्याचार होने की बात करते हैं। उधर गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम गहलोत पर ऐसे ही आरोप लगाए। गहलोत सरकार को हिन्दू विरोधी तक बता दिया। तो ये कहने में हर्ज नहीं कि बीजेपी इस बार भी अपने हिन्दुत्व का रास्ता नहीं छोड़ने वाली। और अमित शाह ने तो राजस्थान को बीजेपी का गढ़ भी बता दिया है। ऐसे में देखना ये होगा कि राजस्थान की पब्लिक बीजेपी के इन बातों को कैसे हजम करती है।

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