बारिश का टूटा कहर, नागौर बना शिमला, रेगिस्तान में नदियां बहीं, करौली में मझधार में फंसी जिंदगी!

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Havoc of rain, Nagaur became Shimla, rivers flowed in the desert, life stuck in midstream in Karauli!
लू के मौसम में मूसलाधार बारिश.. मई में ही झूम के आया सावण और पसीने गिरने के मौसम में निकल रही रजाई। क्योंकि राजस्थान में मई के महीने में ही मेघालय और शिमला जैसे नजारे दिख रहे हैं। जी हां.. ये नीदरलैंड नहीं नागौर है.. और ये मुंबई या मेघालय के दृश्य नहीं, फतेहपुर और करौली के नजारे हैं। आज कल मौसम देखकर आपको भी ऐसा ही लग रहा होगा कि ये गर्मी है या बरसात आ गई। और लू चलने के मौसम में बरसात भी ऐसी आई है कि राजस्थान में लोगों की हालत खराब हो रही। कहीं नदी नाले उफान मार रहे हैं तो कहीं सड़कें गायब हो गईं। करौली में तो कई लोग भारी बारिश के बीच मझधार में फंसे नजर आए। इस बार तो लगता है कुदरत ने रेगीस्तान को भी पानी से भर देने का मन बना लिया है। तस्वीरें देखिए.. यकीन होता है ये जैसलमेर है। रेगीस्तान में भी पिछले कुछ दिनों से रुक-रुककर बारिश हो रही है। हालांकि इस बारिश का असली महत्व जैसलमेर वाले ही समझ सकते हैं। फतेहपुर में तो एक नया नवेला डैम भी इस बारिश में टिक नहीं पाया। डैम का एक हिस्सा पानी में गिरा नजर आया। आपको बताएं कि इस मूसलाधार बारिश के बीच मौसम विभाग ने फिर बड़ा अलर्ट जारी किया है। पूरे राजस्थान के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए मौसम विभाग ने कहा कि अभी करीब हफ्ते भर और ऐसी स्थिति रह सकती है। ऐसे में लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह है।
नागौर में ना सिर्फ भारी बारिश बल्कि बर्फबारी जैसे नजारे भी देखने को मिल रहे हैं। नागौर के लोग भी सुबह सोकर उठे तो कन्फ्यूज हो गए कि यहां बारिश हुई है या बर्फ गिरी है। खैर अब जब राजस्थान में ही ऐसे बर्फीले नजारे मिल रहे हों तो कोई शिमला या मनाली क्यों जाए। पूरे राजस्थान में कमोवेश ऐसे ही बारिश का दौर जारी है, जो अभी करीब हफ्ते भर और रहेगा। लोगों को गर्मी से निजात को खूब मिलेगी पर ये बरसात मूसीबतें भी खूब खड़ी करेगी।
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