हल्द्वानी बनभूलपुरा विवाद पर बुधावर को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, शहर में भारी पुलिस बल तैनात, जानें क्या है पूरा मामला
Haldwani Banbhoolpura News: हल्द्वानी के बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. ऐसे में एहतियातन नैनीताल पुलिस ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आज कई इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला. इसके साथ ही इलाके में बैरिकेडिंग, ड्रोन और भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Haldwani Banbhoolpura Case: उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले के मामले में बुधवार 10 दिसंबर को सुनाई होने है. माना जा रहा है कि इस दिन सुप्रीम कोर्ट मामले पर फैसला सुना सकता है. ऐसे में इसे देखते हुए नैनीताल पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था टाइट कर दी है. एहतियातन एसएसपी नैनीताल डॉ. मंजुनाथ टीसी ने सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे क्षेत्र में चप्पे-चप्पे की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. एसएसपी ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस पहली प्राथमिकता है. ऐसे में अगर किसी भी शरारती तत्व को बख्शा नहीं जाएगा.
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने प्रभावित क्षेत्रों की बैरिकेटिंग, संदिग्धों की पहचान और गहन चेकिंग के लिए स्पेशल टीमें तैनात कर दी हैं. बनभूलपुरा के कोर एरिया में बिना स्थानीय पहचान पत्र के लोगों की एंट्री पर रोक रहेगी. SSP ने पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कार्रवाई में बाधा डालने या कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल ने ड्यूटी में लगे पुलिस बल को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं.
पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च
इस बीच आज यानी 9 दिसंबर को रेलवे स्टेशन, ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती, इन्द्रानगर, मुजाहिद चौक, शनि बाजार रोड, ताज मस्जिद, गांधी नगर, चोरगलिया रोड सहित कई संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला गया, जिसका समापन थाना बनभूलपुरा में हुआ. इस दौरान पुलिस अधीक्षक डॉ. जगदीश चंद्रा, अपर जिलाधिकारी विवेक राय, CO दीपशिखा अग्रवाल, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, SDM राहुल शाह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.
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दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती
कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि संदिग्धों पर प्रीवेंटिव डिटेंशन की कार्रवाई जारी रहेगी और वैध पहचान पत्र न होने पर कोर क्षेत्र में एंट्री बैन रहेगी. इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती, आसपास ने इलाकों में ड्रोन से निगरानी, फायर यूनिट और PAC कंपनियों को भी लगाया गया है. इस दौरान 3 ASP, 4 CO, 12 इंस्पेक्टर, 45 सब इंस्पेक्टर, 400 कांस्टेबल, 3 कंपनी PAC, 4 ड्रोन और 4 फायर यूनिट को मैदान में उतारा गया है.
यातायात डायवर्ट, सोशल मीडिया पर कड़ी नजर
SSP नैनीताल ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें, किसी भी अफवाह, भड़काऊ बयानबाजी या कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाली गतिविधि से दूर रहें. पुलिस ने कहा है कि वह फील्ड के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी बनाए हुए है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इस बीच यातायात व्यवस्था के लिए डायवर्जन प्लान तैयार कर लिया गया है और पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी निगरानी को और मजबूत किया जा रहा है.
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क्या है बनभूलपुरा विवाद?
दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा को लेकर रेलवे का दावा है कि इलाके की 70 एकड़ जमीन उसकी है. इसमें मुख्य रूप से गफूर बस्ती, इंदिरा नगर, नई बस्ती और रेलवे पटरी से सटे इलाकों शामिल हैं. यहां करीब 4,000 से 4,500 घर बने हैं. इन घरों में 40,000 से 50,000 लोग रह रहे हैं. रेवले के अनुसार इस पर लाेगों ने वर्षों से अवैध रूप से घर, दुकानें और निर्माण खड़े कर दिए हैं. हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि कि वे इस इलाके में करीब 40 से 50 साल से रह रहे हैं. वे कहते हैं कि क्षेत्र में बिजली-पानी के कनेक्शन और नगर निगम के टैक्स से साबित होता है कि यह बस्ती वैध है.
2022 में हाईकोर्ट में गया मामला
इसी को लेकर साल 2022 में रवि जोशी ने हाई कोर्ट में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण के मामले पर याचिका दाखिल की थी. इसके बाद मामले में 2023 में हाईकोर्ट ने पूरी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने के आदेश दिए थे. इस फैसले के बाद लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और लगभग 2 से साल ज्यादा समय तक सुनवाई चलने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अंतिम निर्णय पर विचार कर रहा है. ऐसे में संभावित फैसले से पहले प्रशासन ने क्षेत्र की संवेदनशीलता और तनाव की आशंका को ध्यान में रखकर सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा कर दिया है.
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