बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इंग्लैंड के लेस्टर में श्री रामकथा कर रहे हैं, इस दौरान उन्होंने कोहिनूर हीरे को लेकर बड़ा दावा किया है.
फोटो: बागेश्वर धाम के ट्विटर से
धीरेंद्र शास्त्री ने श्री रामकथा के दौरान भक्तों से मुखातिब थे और उन्होंने कहा कि वे कोहिनूर को लेकर ही वापस आएंगे. इसके बाद चर्चा छिड़ गई है.
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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने रामकथा के बीच कहा कि वे कोहिनूर लेकर ही वापस आएंगे.
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उन्होंने कहा कि इनसे (ब्रिटेन वासियों से) ये तो कह नहीं सकते कि कोहिनूर वापस दो, अभी हमको बहुत बार आना भी है.
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हालांकि धीरेंद्र शास्त्री ने बाद में कहा कि ये सब उन्होंने मजाक में कहा है, और जो उनके दिल में होता है वह वो बोल देते हैं.
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कोहिनूर के मुद्दे पर हमेशा ही विवाद होता रहा है. अंग्रेज इसे लूटकर भारत से इंग्लैंड ले गए और भारत इस पर हमेशा से अपना दावा करता रहा है.
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कुछ स्त्रोतों के मुताबिक कोहिनूर हीरा लगभग 5000 वर्ष पहले मिला था, यह इतिहास में स्यमंतक मणि नाम से प्रसिद्ध रहा था.
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हिन्दू कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने यह मणि, जाम्वंत से ली थी, जिसकी पुत्री जामवंती ने बाद में कृष्ण से विवाह किया था.
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मुगल काल में ये हीरा काफी प्रसिद्ध रहा. शाहजहां ने कोहिनूर को अपने सिंहासन में जड़वाया था.
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यह हीरा भारत में आखिरी बार महाराजा रणजीत सिंह के पास था, जिसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने ले लिया.
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कहते हैं कि दिलीप सिंह द्वारा इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया को कोहिनूर हीरा भेंट किया गया था.
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कोहिनूर महारानी मैरी के सरताज में जड़ा गया. इसे लंदन स्थित ‘टावर ऑफ लंदन’ म्यूजियम में नुमाइश के लिये रखा गया है.
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