14 June 2024
Credit:Priyal yadav/Insta
मध्य प्रदेश के छोटे से जिले हरदा के किसान की बेटी ने कठिन परिस्थितियों बड़ी सफलता हासिल की है.
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प्रियल यादव का जन्म एक किसान परिवार में हुआ, वह 11वीं फेल हो गई थीं, लेकिन हार नहीं मानी.
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अपनी मेहनत से उन्होंने तीन बार MPPSC दिया और इस बार डिप्टी कलेक्टर बनी हैं.
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सीमित संसाधनों के बावजूद प्रियल यादव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से पूरी की. वह 11वीं फेल हो गई थीं.
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प्रियल ने उच्च शिक्षा के लिए इंदौर का रुख किया और ग्रेजुएट होकर यहीं से एमपीपीएससी की तैयारी में जुट गई.
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पहली बार एमपीपीएससी की परीक्षा में बैठीं और सफल होकर प्रियल डिस्ट्रिक्ट रजिस्टर पद पर नियुक्त हुईं.
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अपनी मेहनत और कुशलता के चलते प्रियल को असिस्टेंट कमिश्नर बनीं.
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प्रियल यहीं नहीं रुकीं, वह फिर से एमपीपीएससी की परीक्षा में बैठीं और छठवीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बनीं हैं.
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प्रियल यादव की सफलता युवाओं को प्रेरित किया है. उनकी कहानी 12th फेल आईपीएस मनोज शर्मा से भी खूब मेल खाती है.
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