बारिश में MP के ये 5 वाटरफॉल नहीं देखे तो क्या देखा, खूबसूरती ऐसी कि देखकर हो जाएंगे रोमांचित

26 June 2024

Credit: MP Tourism

मध्य प्रदेश में मानसून ने जोरदार एंट्री मारी है, उज्जैन से लेकर भोपाल तक और जबलपुर से लेकर बालाघाट तक जमकर बारिश हो रही है.

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मध्य प्रदेश मानसूनी बारिश के बाद हरा-भरा हो जाता है, यहां की नदियां, झरने और झीलों की खूबसूरती निखरकर सामने आने लगती है.

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मानसून में एमपी को एक्सप्लोर करने का प्लान है तो MP Tak आपको बता रहा है 5 वाटरफॉल के बारे में, जानिए...

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पातालपानी: पातालपानी मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की महू तहसील में स्थित है. झरना लगभग 300 फीट ऊंचा है, पातालपानी के आसपास का क्षेत्र एक लोकप्रिय पिकनिक और ट्रेकिंग स्थल है.

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धुंआधार: भेड़ाघाट में नर्मदा की धारा 50 फीट ऊपर से गिरती है. जिससे यहां पानी सफेद धुंए जैसा उड़ने लगता है. इस कारण इसे 'धुंआधार' कहते हैं.

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रनेह फॉल्स: रनेह फॉल्स को भारत का ग्रैंड कैन्यन कहा जाता है. जिस घाटी पर रनेह वाटरफॉल है, वह 5 किमी लंबी है और ज्वालामुखी के विस्फोट से बनी है.

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बी-फाल्स: बी-फाल्स सतपुड़ा की पहाड़ियों पर स्थित पचमढ़ी का एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है. पचमढ़ी में कई झरने हैं, लेकिन आकर्षण का केंद्र बी-फॉल है.

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पांडव फाल्स: यहां गिरता हुआ झरना लगभग 30 मीटर की ऊंचाई से एक दिल के आकार के पूल में गिरता है. यह पन्ना से 14 किमी और खजुराहो से 34 किमी की दूरी पर स्थित है.

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मानसून में एमपी के ये वाटरफॉल्स घूम आएंगे तो आपकी यात्रा यादगार बन जाएगी.

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