फोटो: राहुल जैन
रायसेन और अशोकनगर के करीला धाम में रंगपंचमी के मौके पर मेला लगता है.
फोटो: राजेश रजक
इन जगहों पर हजारों की तादाद में लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
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यहां नृत्यांगनाएं और बेड़निया माता की भक्ति में नाचती हैं.
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खास बात ये है कि यहां ऐसी नचनारियां ही माता की पूजा करती हैं.
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जानकी माता ने इन्हें खास स्थान दिया है, वे झंडा और प्रसाद चढ़ाती हैं.
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अशोकनगर के करीला धाम में भगवान राम के पुत्र लव कुश का जन्म हुआ था.
फोटो: राहुल जैन
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वहीं रायसेन के गैरतगंज के भानपुर को मिनी करीला कहते हैं.
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भक्तों की आस्था के कारण मां भानपुर में पहाड़ी पर प्रकट हुईं.
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मान्यता है कि मिनी करीला धाम के रूप में भक्तों की मनोकामनाएं पूरी कर रही हैं.
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