फोटो: पवन शर्मा
छिंदवाड़ा जिले में स्थित ‘पातालकोट’ को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड जगह मिली है.
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पातालकोट ने यह उपलब्धि अपने अनोखेपन के कारण हासिल की है.
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पातालकोट में आज भी आदिवासियों का परंपरागत भोजन मिलता है.
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पातालकोट की रसोई में आज भी आदिवासी परंपरागत भोजन बनाते और खिलाते हैं.
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पातालकोट छिंदवाड़ा जिले में आता है, यहां की प्राकृतिक छटा देखने लायक है.
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पातालकोट में भारिया जनजाति पाई जाती है और इसे विशेष दर्जा प्राप्त है.
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पातालकोट में भारिया जनजाति ने अपनी परंपरा को संजोकर रखा है.
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पातालकोट में भारिया जनजाति के लोग अब भी परंपरागत खेती करते हें.
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पातालकोट में पहाड़ के काफी नीचे बसा है. यहां पर घूमने सालभर पर्यटक आते रहते हैं.
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