13 June 2024
Credit: MPTak
छिंदवाड़ा के जवान कबीर दास उइके की अंतिम विदाई में पूरा गांव उमड़ पड़ा, हर आंख नम थी.
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जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर के सुखल गांव में आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवान कबीर दास ऊइके घायल हो गए थे, बाद में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.
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35 वर्षीय शहीद कबीर दास छिंदवाड़ा जिले के ग्राम पुलपुलडोह के रहने वाले थे, 2011 में सीआरपीएफ ज्वाइन की थी.
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कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए कबीर दास का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके गृह गांव और आसपास से लोगों का तांता लग गया.
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शहीद कबीर दास उईके की पत्नी ममता उईके को यकीन नहीं हो रहा है, उनके पति की मौत हो गई है. वे इसे स्वीकार करने से इनकार कर रही हैं.
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छिंदवाड़ा सांसद विवेक बंटी साहू ने उनके घर पहुंचकर परिवार को दिया आश्वासन और हर संभव मदद का भरोसा जताया.
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शहीद कबीर दास की शहादत पर गांव के लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी, हर किसी ने नारे लगाए.
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अंतिम विदाई के दौरान शहीद के सम्मान में देशभक्ति के गीत, 'ज़ब तक सूरज चांद रहेगा, कबीर तेरा नाम रहेगा और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंज उठे.
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कबीर दास उइके के अंतिम संस्कार में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की.
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शहीद कबीर दास के पार्थिव शरीर के सामने लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए.
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शहीद कबीर दास उइके की अंतिम विदाई ने लोगों के दिलों में देशभक्ति और बलिदान की भावना को और मजबूत किया.
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