फोटो: एमपी तक
सावन के महीने में उज्जैन में महाकाल भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है. रात 12 बजे से दर्शन के लिए कतारें लग रही हैं.
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विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग में भस्मारती और शाही सवारी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
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हम प्रसिद्ध मान्यताओं के मुताबिक महाकाल के दर्शन, पूजा और आराधना से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.
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भस्म: महाकाल की भस्मारती का विशेष महत्व है. ये केवल उज्जैन के महाकाल मंदिर में ही होती है. भस्मारती के दर्शन दुर्लभ माने जाते हैं.
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शृंगार: बाबा महाकाल का फलों के रसों और पंचामृत से अभिषेक किया जाता है. इसके बाद हर बार विशेष शृंगार कर सजाया जाता है.
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शाही सवारी: सावन के महीने में शाम को महाकाल की शाही सवारी निकाली जाती है. इसमें सभी श्रद्धालु पूरी श्रद्धा के साथ पैदल शामिल होते हैं.
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पूजन: महाकाल जल, बिल्वपत्र, आंकड़ा, धतूरा, भांग, कर्पूर, दूध, चावल, चंदन, भस्म, रुद्राक्ष जैसी 11 चीजें अर्पित करने से अत्यंत प्रसन्न होते हैं.
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भोग: शिव जी को सफेद चंदन चढ़ाना और खीर का भोग लगाना अच्छा है. सोमवार को सफेद चीजों के दान से भी भगवान प्रसन्न होते हैं.
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