महाकालेश्वर गए हैं और ओंकारेश्वर के नहीं किए दर्शन तो अधूरी रह जाएगी यात्रा

4May2024

Credit: फेसबुक/इंस्टा

महाकालेश्वर के दर्शन के बाद ओंकारेश्वर के दर्शन करने का भी विशेष महत्व है.

Credit: फेसबुक/इंस्टा

महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर दोनों ही शिवजी के प्रमुख ज्योतिर्लिंग स्थल हैं.

Credit: फेसबुक/इंस्टा

शिव पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंगों के दर्शन विशेष धार्मिक क्रम में नियम माना गया है.

Credit: फेसबुक/इंस्टा

महाकालेश्वर के बाद ओंकारेश्वर के दर्शन करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है.

Credit: फेसबुक/इंस्टा

महाकालेश्वर शक्ति और आत्मबल का प्रतीक हैं, जबकि ओंकारेश्वर शांति और मन की शुद्धता का प्रतीक है.

Credit: फेसबुक/इंस्टा

यह जीवन की सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक यात्राओं में से एक है, जो भक्तों को आत्मिक और मोक्ष की प्राप्ति की ओर ले जाता है.

Credit: फेसबुक/इंस्टा

महाकालेश्वर को कालों के काल, महाकाल के रूप में पूजा जाता है, और ओंकारेश्वर को ओंकार रूपी शिव के रूप में जाना जाता है.

Credit: फेसबुक/इंस्टा

ओंकारेश्वर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है, और नर्मदा नदी को अत्यंत पवित्र माना जाता है.

Credit: फेसबुक/इंस्टा

नर्मदा में स्नान करने से पवित्रता और आत्मशुद्धि की प्राप्ति होती है.

Credit: फेसबुक/इंस्टा