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ओरछा के रामराजा सरकार से जुड़ी कहानियां खूब सुनी होंगी, लेकिन अद्भुत है ये कहानी

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अयोध्या में भगवान श्रीराम को रामलला के रूप में पूजा जाता है, वहीं ओरछा में राम राजा सरकार के रूप में.  

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ओरछा को बुंदेलखंड का अयोध्या कहा जाता है. यहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है. 

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यहां राजसी अंदाज में रामराजा सरकार की पूजा अर्चना की जाती है. चारों पहर रामराजा सरकार को बंदूकों से सलामी दी जाती है.

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600 साल पहले ओरछा की रानी महारानी कुवरि गणेश भगवान राम को बाल रूप में अयोध्या से ओरछा लाई थी.

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एक बार राजा मधुकर शाह ने रानी को चुनौती दी थी कि अगर तुम्हारे राम सच में हैं तो उन्हें अयोध्या से ओरछा लाकर दिखाओ.

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महारानी कुंवर गणेश ने 21 दिन तक तप किया. राम प्रकट नहीं हुए तो उन्होंने सरयू नदी में छलांग लगा दी.

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कहा जाता है कि कुंवर गणेश की भक्ति देखकर बाल स्वरूप में भगवान श्री राम नदी के जल में ही उनकी गोद में आ गए.

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भगवान की तीन शर्ते मानकर रानी उन्हें अयोध्या से ओरछा ले आईं. भगवान महल के किचन में स्थापित हैं.

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कहते हैं कि तभी से रामराजा सरकार दिन में ओरछा निवास करते है, लेकिन शयन के लिए अयोध्या जाते हैं. 

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राम राजा सरकार को चार बार की आरती में सशस्त्र सलामी गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है.

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ओरछा में रामराजा के अलावा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक को भी गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाता है. 

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