16 MAY 2024
फोटो - MP TAK
राजमाता माधवी राजे सिंधिया नेपाल की राजकुमारी थीं. उनके दादा जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके है.
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पहले उनका नाम किरण राजलक्ष्मी था मगर मराठी परंपरा में शादी के बाद नाम बदलने की प्रथा के चलते उनका नाम बदलकर माधवी राजे सिंधिया पड़ गया.
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नेपाल की रानी जब अपने नये घर ग्वालियर आयी तब ग्वालियर ने उनका भव्य स्वागत किया.
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माधव राजे सिंधिया ने उनकी तस्वीर देखी और पहली ही नजर में दिल दे बैठे.
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1966 में दोनों विवाह के बंधन में बंधे जो उस दौर की सबसे विख्यात शादी थी.
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यह शादी दिल्ली में हुई थी और हर तरफ़ त्यौहार जैसा माहौल था.
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दोनों की शादी दिल्ली में हुई फिर किरण राजलक्ष्मी को नैरोगेज ट्रेन से पहले ग्वालियर फिर जयविलास महल लाया गया.
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नेपाल की राजकुमारी का ग्वालियर की जनता ने खुशी से स्वागत किया और स्टेशन के आगे भीड़ लग गयी.
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प्रिंसेस के लिए स्टेशन से महल तक पर्दा लगाया गया.
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शादी के कार्यक्रम बहुत दिन तक चले और हर दिन आलीशान व्यस्वस्था का प्रबंध किया गया.
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सोने के बर्तन, सोने की कुर्सी यह बताने के लिए काफी थी की यह कोई मामूली शादी नहीं थी.
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अलग- अलग जगहों के खानसामो से हर रोज़ नये- नये स्वादिष्ट व्यंजन बनवाये गए और शादी के छप्पन भोग की व्यवस्था थी.
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यह शादी ने उस दौर की हर शादी को पीछे छोड़ दिया, आगे चलकर किरण राजलक्ष्मी ग्वालियर की मसीहा राजमाता बन गयी थी.
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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और सिंधिया घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का दिल्ली में निधन हो गया है. इस निधन के चलते पूरे ग्वालियर शहर में शोक का माहौल है.
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1इस दौरान पूरा सिंधिया परिवार एक साथ गमगीन दिखा.
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