कौन हैं रेसलर शिवानी पवार? विनेश फोगाट से भी ज्यादा दर्दनाक है इस महिला पहलवान की कहानी

08 Aug 2024

फोटो- शिवानी/इंस्टा

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 से कुछ महीने पहले घोषणा की थी कि कुश्ती के ट्रायल नहीं करवाए जाएंगे. 

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इस घोषणा से मध्य प्रदेश की शिवानी पवार समेत भारत के काफी पहलवानों के सपने बिखर कर चकनाचूर हो गए थे.

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शिवानी अंडर-23 कुश्ती वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली रेसलर बनी थीं.

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उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक्स के सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया और वर्ल्ड नंबर-1 सरिता मोर के साथ मिलकर WFI के ट्रायल ना करवाने के फैसले को चुनौती भी दी थी.

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शिवानी पवार बहुत दिक्कतों से गुजरते हुए इतने बड़े मुकाम पर पहुंची हैं.

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करियर के शुरुआती दिनों में उनके पास ट्रेनिंग करने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे और रेसलिंग कम्पटीशन में भाग लेकर पैसे कमाया करती थीं.

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कठिनाइयों के बावजूद वो आगे चलकर परिवार के सपोर्ट से नेशनल चैंपियन बनीं.

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शिवानी को ओलंपिक क्वोटा मिलने वाली रेसलर को हराने के बाद पूर्ण विश्वास था कि उन्हें पेरिस ओलंपिक्स में भाग लेने का मौका जरूर मिलेगा.

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WFI द्वारा ट्रायल ना करवाए जाने के कारण उनका सपना चकनाचूर हो गया था.

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