जयपुर में पारा 45 डिग्री के पार हैं तो वहीं रेगिस्तानी इलाकों में इस महीने के अंत तक 50 डिग्री तापमान का अनुमान जताया जा रहा है.
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ऐसे में हर कोई हिल स्टेशन और वादियों में घूमने की ख्वाहिश रखता है. ऐसा ही एक हिल स्टेशन माउंट आबू (Mount Abu) है, जो इन दिनों पर्यटक की पहली पसंद है.
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ना सिर्फ पर्यटक, बल्कि ब्रिटिश काल में यह अंग्रेजों की भी पसंदीदा जगहों में से एक रही है. जिसके चलते इस हिल स्टेशन को अंग्रेजों ने राजस्थान का समर कैपिटल बनाया.
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यह रेजीडेंसी राजभवन राज्यपाल का ग्रीष्मकालीन रिसॉर्ट के रूप में उपयोग किया जाता है.
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घने पेड़ों से घिरा ऊंची वादियों के बीच स्थित इस राजभवन में अंग्रेज अधिकारी गर्मियों की छुट्टियों के लिए आया करते थे.
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इसी परंपरा के तहत राज्यपाल आज भी ग्रीष्मावकाश के दौरान यही रहते हैं. यह इमारत एक पहाड़ी पर बनाई गई है.
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चारों तरफ दूर-दूर तक हरियाली ही हरियाली छाई हुई है. ऊंचाई पर स्थित इस राजभवन को माउंट आबू के विभिन्न स्थानों से देखा जा सकता है.
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इसमें 7 बेडरूम, 7 बाथरूम, 2 सिटिंग रूम और एक बड़ा डाइनिंग हॉल है. डाइनिंग हॉल इतना बड़ा है कि यहां एक साथ करीब 24 लोग बैठ सकते हैं.
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रेजीडेंसी भवन में पहले रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल आरएच कीटिंगे थे. कीटिंगे 15 मार्च 1868 ई. को यहां आए थे.
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