विश्व की ऐसी धरोहर जहां हजारों रानियों ने ले ली थी अग्नि समाधि, क्या जानते हैं आप?

खूबसूरत कला- संस्कृति और समृद्धशाली इतिहास के चलते राजस्थान में पर्यटन भी खूब फला-फूला है.

Credit: Rajasthan Tourism

इस राज्य में अनूठी विरासत लिए कई विश्व स्तरीय धरोहर भी शामिल हैं.

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ऐसा ही एक चित्तौड़गढ़ का किला है, जिसे साल 2013 में UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है.

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यह किला लगभग 3 किलोमीटर लम्बा और तकरीबन 700 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है.

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7वीं सदी में चितौड़गढ़ के किले का निर्माण करवाया गया था और एक समय यह किला मेवाड़ की राजधानी था.

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इस किले को जौहर कुंड के लिए जाना जाता है. पहला जौहर रानी पद्मिनी ने 16,000 दासियों के साथ विजय स्तम्भ के पास किया था.

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16वीं सदी में रानी कर्णावती ने 13 हजार दासियों  और रानी फुलकंवर ने हजारों दासियों के साथ जीवित अग्नि समाधी ली थी.

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इस किले में लगभगे 65 ऐतिहासिक संरचनाएं हैं.जिनमें से 4 महल परिसर, 19 मुख्य मंदिर, 4 स्मारक और 22 जल निकाय हैं.

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यहां 7 दर्शनीय दरवाजे हैं और कई मंदिर है, किला कुछ मछली के आकार जैसे दिखाई देता हैं.

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चितौड़गढ़ किले में बनें तालाबों से 50,000 सैनिकों के लिए  4 साल तक पानी की आपूर्ति हो सकती थी.  

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