Mock Drill In Bihar: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है. इसी बीच अब केंद्र सरकार ने देशभर में मॉक ड्रिल कराने का निर्णय लिया है. बिहार में 5 शहरों में भी इस मॉक ड्रिल का बुधवार को आयोजन किया जाएगा. इस ड्रिल का उद्देश्य है यह परखना कि युद्ध या किसी बड़े हमले की स्थिति में आम लोगों को किस तरह सुरक्षित रखा जा सकता है. इसी को लेकर पटना में ड्रिल की तैयारियां तेज हैं. इस ड्रिल के दौरान शहर की लाइट 15 मिनट के लिए बंद की जाएगी और सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया जाएगा. साथ ही, नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति में बचाव के जरूरी उपाय भी बताए जाएंगे.
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इन जगहों पर की जाएगी ड्रिल
बता दें कि बिहार में 7 मई से सिविल डिफेंस द्वारा मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. यह अभ्यास केंद्र सरकार द्वारा चिन्हित स्थानों में किया जाएगा. सिविल डिफेंस के डीजी परेश सक्सेना ने 'बिहार तक' को बताया कि बिहार के 6 जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन होगा. ये मॉक ड्रिल बेगूसराय, पटना, पूर्णिया, और कटिहार में होगा. वहीं, इसके साथ ही बिहार सरकार ने संवेदनशीलता को देखते हुए अररिया और किशनगंज को भी अतिरिक्त रूप से चुना है. मॉक ड्रिल का उद्देश्य हवाई हमले जैसी आपात स्थिति में जनता के मनोबल और संवेदनशीलता को बढ़ाना है.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक
बिहार के सिविल डिफेंस डीजी परेश सक्सेना ने 'बिहार तक' को बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें डेवलपमेंट कमिश्नर, पुलिस अधीक्षक, और जिला मजिस्ट्रेट शामिल थे. मॉक ड्रिल में गृह मंत्रालय के एयर रेड वार्निंग सिस्टम की गतिशीलता को परखा जाएगा. ब्लैकआउट और अलार्म सिस्टम के एक्टिवेशन का अभ्यास होगा, ताकि लोग आपात स्थिति में बचाव और संपत्ति की सुरक्षा कर सकें.
12,000 प्रशिक्षित स्वयंसेवक करेंगे जागरूकता
सक्सेना ने बताया कि बिहार में सिविल डिफेंस और आपदा प्रबंधन के 12,000 प्रशिक्षित स्वयंसेवक हैं, जो दिन में लोगों को जागरूक करेंगे और शाम को मॉक ड्रिल में ब्लैकआउट, अलार्म, और बचाव के तरीकों का अभ्यास कराएंगे. यह ड्रिल 1971 के बाद पहली बार युद्ध जैसी स्थिति के लिए आयोजित की जा रही है. हवाई हमले के अलार्म को गांव स्तर तक सक्रिय करने का अभ्यास होगा.
संवेदनशीलता और व्यवहार पर जोर
मॉक ड्रिल में लोगों को पैनिक न करने, लाइट के उपयोग, और छिपने के तरीकों की जानकारी दी जाएगी. बिहार में मेट्रो टनल जैसी सुविधा नहीं है, इसलिए व्यवहार और सावधानियों पर ध्यान दिया जाएगा. स्कूली बच्चों को भी जागरूक करने की कोशिश होगी, हालांकि अंतिम निर्णय जिला मजिस्ट्रेट लेंगे. सक्सेना ने कहा कि यह डायनेमिक प्रोसेस है, और भविष्य में और जिले शामिल किए जा सकते हैं.
शाम 7:00 से 7:10 तक किया जाएगा ब्लैकआउट
मॉक ड्रिल के तहत 7 मई को शाम 7:00 से 7:10 बजे तक पूर्ण ब्लैकआउट किया जाएगा. इस दौरान सभी बिजली, इन्वर्टर, यूपीएस और जनरेटर बंद रखने की अपील की गई है. घरों और अस्पतालों में आवश्यक उपयोग के लिए मोटे पर्दों से खिड़कियां ढकने का निर्देश है, ताकि कोई रोशनी बाहर न जाए. पटना नगर निगम क्षेत्र में यह अभ्यास मुख्य रूप से होगा, और नागरिकों से पैनिक न करने की अपील की गई है.
80 स्थानों पर सायरन: 6:58 से शुरू होगा अभ्यास
पटना में 80 स्थानों पर सायरन बजाए जाएंगे, जिनमें सचिवालय, एनआईटी, गांधी घाट, पटना यूनिवर्सिटी और अन्य स्थान शामिल हैं. फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियां भी सायरन बजाने में सहयोग करेंगी. सायरन 6:58 बजे से दो मिनट तक बजेगा, और 7:00 बजे तक ब्लैकआउट लागू हो जाएगा. 7:10 बजे सायरन दोबारा बजेगा, जिसके बाद लाइट्स चालू की जा सकेंगी. गाड़ियों की लाइट्स बंद करने और मोबाइल फ्लैशलाइट का उपयोग न करने की सलाह दी गई है, हालांकि एम्बुलेंस को छूट रहेगी.
पैनिक न करने की अपील
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक अभ्यास है, और नागरिकों को खाद्य सामग्री या अन्य संसाधन जमा करने की आवश्यकता नहीं है. भविष्य में इवैक्यूएशन, फर्स्ट एड और बचाव के लिए अलग-अलग मॉक ड्रिल आयोजित की जाएंगी. यदि कमियां सामने आती हैं, तो उन्हें सुधारकर तैयारियों को और बेहतर किया जाएगा. यह ड्रिल शहरी क्षेत्रों, खासकर पटना नगर निगम क्षेत्र में होगी, और भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया जा सकता है.
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